हरियाणा की हॉट विधानसभा सीटों में शुमार सोनीपत विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र पंवार ने आज नामांकन भर दिया है। ईडी की ओर से अवैध खनन मामले में गिरफ्तारी के बाद से सुरेंद्र पंवार अंबाला जेल में बंद हैं। नामांकन फार्म भरवाने के लिए उन्हें पांच घंटे की मोहलत दी गई। उनके वकील मुकेश पन्नालाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सुरेंद्र पंवार को स्क्रूटनी के लिए भी लाया जाएगा। इसकी अनुमति चुनाव आयोग ने दी है। उन्होंने कहा कि सुरेंद्र बेकसूर हैं, वे राजनीति के शिकार हुए हैं।
उधर, कट्टर ईमानदार होने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी की ओर से देवेंद्र गौतम भी इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। अब सवाल उठता है कि 'ईमानदार' और 'कट्टर ईमानदार' के बीच इस चुनावी जंग में बीजेपी जीत हासिल करेगी या नहीं।
कांग्रेस ने सुरेंद्र पंवार को दूसरी बार प्रत्याशी बनाया
कांग्रेस ने दूसरी बार सुरेंद्र पंवार को सोनीपत विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी सुरेंद्र पंवार ने 32 हजार से अधिक वोटों से बीजेपी प्रत्याशी कविता जैन को मात दी थी। इसके पहले के दो विधानसभा चुनावों को देखें तो कविता जैन ने लगातार जीत हासिल की थी। उम्मीद थी कि बीजेपी इस बार भी कविता जैन पर दांव लगाएंगी, लेकिन उनकी टिकट काटकर निखिल मदान को चुनाव में उतार दिया।
हुड्डा परिवार के करीबी रहे निखिल मदान
लोकसभा चुनाव के बाद निखिल मदान ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया था। उन्हें हुड्डा परिवार का बेहद करीबी माना जाता था। कांग्रेस छोड़ने के बाद निखिल मदान ने कहा था कि उनका हमेशा से उद्देश्य अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों का विकास रहा है, लेकिन अपरिहार्य कारणों से ऐसा करने में असमर्थ हूं। ऐसे में वे आगे की ओर देखने को विवश हैं। उन्होंने मौका देने के लिए कांग्रेस का भी आभार जताया था।
आप के आने से बीजेपी की बढ़ी उम्मीदें
सोनीपत को भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ माना जाता है। पिछले लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने सोनीपत सीट पर जीत हासिल की थी। अब आम आदमी पार्टी सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है। ऐसे में बीजेपी के पास बड़ा मौका है, जिसमें भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ में सेंध लगाकर बड़ी जीत हासिल कर ले।
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