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हरियाणा में सोनीपत के सचिवालय में लाइट जाने से लिफ्ट रूकने से महंत व अधिवक्ता समेत चार लोग फंस गए। पंखा बंद होने से करीब आधे घंटे तक पसीना-पसीना होने से सांसें फूलने लगी थी। 

life in danger। सोनीपत लघु सचिवालय की लिफ्ट लोगों की सुविधा देने की बजाए उनकी जान आफत में डाल रही है। कुछ दिन पहले ही एक बुजुर्ग लिफ्ट में फंस गए थे, अब मंगलवार को लिफ्ट एक अधिवक्ता व एक महंत सहित चार लोग फंस गए। दोपहर को बत्ती गुल हुई तो 15 मिनट तक चारों लिफ्ट में फंसे रहे। अंदर से बार-बार सायरन बजा, तो बाहर खड़े लोग मदद को आए। लोगों ने कोशिश की, लेकिन लिफ्ट खुल नहीं पाई। एक पुलिस कर्मी और लोगों ने मिलकर लिफ्ट खोलने का प्रयास किया। एमरजेंसी चाबी भी इस्तेमाल की, बावजूद लिफ्ट नहीं खुली तो 10 सैकेंड के लिए जनरेट चलाकर लिफ्ट में फंसे लोगों को निकाला।

12 बजे ग्राउंड फ्लोर से चढ़े थे

जानकारी अनुसार आदर्श नगर निवासी अधिवक्ता सुनील वत्स ने बताया कि वह मंगलवार को महंत परमेश्वरी देवी के साथ डीसी से मिलने जा रहे थे। दोपहर 12 बजे पहली मंजिल पर जाने के लिए भूतल (ग्राउंड फ्लोर) से लिफ्ट में सवार हुए थे। उनके साथ एक अन्य महिला व व्यक्ति भी थे। वह पहली मंजिल पर जाने को लिफ्ट में गए तो उसी समय बिजली चली गई, जिससे लिफ्ट रुक गई। चारों लिफ्ट के अंदर ही फंस गए। लिफ्ट खोलने का प्रयास किया, लेकिन खुल नहीं सकी। उनके साथ महंत परमेश्वरी के साथ एक महिला भी थी। उन्होंने अंदर से सायरल बजाना शुरू किया। साथ ही परिचित अधिकारी को भी कॉल की। उनका सोनीपत से ट्रांसफर हो चुका था।

Sonipat
सचिवालय की लिफ्ट खुलने के बाद लोगों को निकालते हुए।
सायरन बचने से सचेत हुए लोग

इसी बीच सायरन से निकल रही हल्की आवाज सुनकर लोग सचेत हो गए। उन्होंने लिफ्ट को खुलवाने को पहल शुरू कर दी। लोग बाहर से आवाज लगाकर उन्हें ढांढ़स भी बंधा रहे थे। लोगों ने लिफ्ट पर दिए गए नंबर पर कॉल की। जिसके बाद एक युवक चाबी लेकर पहुंचा। चाबी से भी लिफ्ट नहीं खुल सकी। उसके बाद वह वापस जाने लगा तो वहां एक पुलिसकर्मी पहुंच गया। उन्होंने बताया कि चाबी लगाकर खिंचने से लिफ्ट को खोला जा सकता है। उसके बाद उन्होंने आसपास के लोगों की मदद से लिफ्ट के दरवाजों को पकड़कर खींचा तो वह खुल गए। जिसके बाद अंदर फंसे अधिवक्ता समेत अन्य लोगों को बाहर निकाला गया।

पंखा भी हो गया था बंद, गर्मी में हो गया बुरा हाल

अधिवक्ता सुनील वत्स ने बताया कि लिफ्ट के बंद होते ही अंदर लगा पंखा भी बंद हो गया। जिससे गर्मी में हालत बिगड़ गई। सभी पसीने से तर-बतर हो गए थे। अंदर लगा बल्ब भी पांच मिनट बाद बंद हो गया था। जिससे अंधेरा हो गया था। इससे अंदर फंसे लोगों को काफी परेशानी हुई। लोगों की शिकायत के बाद जनरेटर भी चलाया गया। करीब 15 मिनट बाद जब तक जनरेटर को चालू किया गया, जिसके बाद ही लिफ्ट में फंसे दो महिलाओं समेत चारों लोगों को बाहर निकाला जा सका।

आधा घंटा गुल रही सचिवालय की बत्ती

लघु सचिवालय परिसर में दोपहर 12 बजे बिजली गुल हुई थी। इसी दौरान लिफ्ट में लोग फंस गए। ठीक 12 बजकर 15 मिनट पर जनरेटर चलाया गया, लेकिन केवल 10 सेकंड के लिये ही, वो भी लिफ्ट में फंसें लोगों को निकालने के लिए। दूसरी ओर बिजली गुल रहने के कारण सचिवालय में तकरीबन आधे घंटे तक अंधेरा छाया रहा। साढ़े 12 बजे ही बिजली आपूर्ति शुरू हुई।

पहले भी हो चुके हैं ऐसी घटनाएं

ऐसा नहीं है कि लघु सचिवालय की लिफ्ट में इस तरह से लोगों के फंसने घटनाएं पहली बार हुई हैं। लगभग सप्ताह में एक-दो बार इस तरह का केस सामने आ ही जाता है। गत दो जुलाई को भी गोहाना के वजीरपुरा निवासी कृष्ण लिफ्ट में फंस गए थे। बुढापा पेंशन बनवाने के लिये आए कृष्ण की लिफ्ट में सांसें फूल गई थी, कुछ समय बाद जब लिफ्ट से कृष्ण को निकाला गया था तो वो बेसुध होकर बाहर गिर गया था। इस तरह के हादसे कई बार सामने आ चुके हैं लेकिन प्रशासनिक अधिकारी लिफ्ट को लेकर अनजान ही हैं।

किए जाएंगे व्यापक प्रबंध

मेरे संज्ञान में मामला आपके माध्यम से आया है। लाइट जाने के बाद लिफ्ट बंद न हो इसके लिए व्यापक प्रबंध कराए जाएंगे। लोगों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
-पूजा कुमारी, सीटीएम सोनीपत

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