Delhi Haryana Yamuna Water Row AAP Leader Sushil Gupta vs Pollution Control Board: हरियाणा आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख और राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने यमुनानगर में यमुना नदी को लेकर बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि यमुना नदी में अनट्रीटेड इंडस्ट्रियल वेस्ट छोड़ा जा रहा है, जिससे पानी इतना जहरीला हो गया है कि इसे साधारण वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी शुद्ध नहीं कर सकते। हालांकि, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PCB) ने उनकी बातों को खारिज करते हुए अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि यमुनानगर में यमुना नदी पूरी तरह स्वच्छ है और पानी सभी निर्धारित मानकों पर खरा उतरता है।
सुशील गुप्ता का आरोप: औद्योगिक कचरे का गिरना यमुना नदी में
सुशील गुप्ता ने अपने बयान में कहा कि यमुनानगर में एक नाला है, जिसमें भारी मात्रा में औद्योगिक कचरा गिरता है, जो सीधे यमुना नदी में मिल जाता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इंड्री (करनाल) जैसे शहरों में नालियों से यमुना नदी में गंदा पानी बिना किसी उपचार के गिरता है, जिससे नदी का पानी अत्यधिक प्रदूषित हो जाता है और यह मानव एवं पशु स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। सुशील गुप्ता ने यह भी कहा कि यमुना नदी में छोड़ा गया औद्योगिक कचरा इतना जहरीला है कि इसे सामान्य पानी उपचार संयंत्र से भी साफ नहीं किया जा सकता है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट: यमुना नदी का पानी स्वच्छ
वहीं, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी अपनी रिपोर्ट में दावा कर रहे हैं कि यमुनानगर में यमुना नदी का पानी पूरी तरह से स्वच्छ है और सभी निर्धारित मानकों पर खरा उतरता है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा किए गए परीक्षणों के अनुसार, यमुना नदी का पानी हर महीने जांचा जाता है और रिपोर्ट के मुताबिक इसमें कोई प्रदूषण नहीं पाया गया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी वीरेंद्र पुनिया के अनुसार, यमुनानगर में बहने वाली यमुना नदी का पानी किसी भी प्रकार के प्रदूषण से मुक्त है। हमने पिछले महीने पानी के 29 मानकों पर परीक्षण किया था और सभी मानक पूरे पाए गए हैं।
#WATCH | Delhi | Haryana AAP chief and party MP Sushil Gupta says, "... A drain containing industrial waste runs parallel to Yamuna in Yamuna Nagar... There is a town named Indri in Karnal where the entire drain flows into Yamuna without any treatment... Poisonous industrial… pic.twitter.com/y1uOF2OOlG
— ANI (@ANI) January 29, 2025
पानी की गुणवत्ता पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि यमुनानगर में पश्चिमी यमुना नदी का पानी पीएच लेवल 7.94, टोटल सस्पेंडेड सॉलिड 10 मिलीग्राम प्रति लीटर, और केमिकल ऑक्सीजन डिमांड 16 मिलीग्राम प्रति लीटर पाया गया, जो सभी निर्धारित मानकों के अनुरूप है। इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि पानी की जांच में अमोनिया शून्य, बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड 3 मिलीग्राम प्रति लीटर और टोटल फॉस्फोरस के स्तर भी संतोषजनक पाए गए हैं।
दिल्ली को प्रदूषणमुक्त पानी की आपूर्ति
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, हथनीकुंड बैराज से दिल्ली को सप्लाई किया जाने वाला पानी भी पूरी तरह से साफ और बिना किसी प्रदूषण के होता है। रिपोर्ट के अनुसार, हर महीने सैंपल लेकर यह तय किया जाता है कि दिल्ली को मिलने वाला पानी किसी भी प्रकार से प्रदूषित न हो। वीरेंद्र पुनिया ने कहा कि यमुनानगर से गुजरने वाले पानी में कहीं भी कोई प्रदूषण नहीं पाया गया है। इस पानी को दिल्ली में आपूर्ति किया जाता है और यह वहां भी स्वच्छ पानी के रूप में पहुंचता है।
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सीवरेज ट्रीटमेंट के उपाय
यमुनानगर में गंदे पानी के उपचार के लिए कई सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स लगाए गए हैं। इन प्लांट्स के जरिए यमुनानगर के घरों और फैक्ट्रियों से निकलने वाले गंदे पानी को शुद्ध किया जा रहा है। यमुनानगर में फिलहाल 90 एमएलडी गंदे पानी का उपचार किया जा रहा है, जिसमें अलग-अलग स्थानों पर स्थापित 24 एमएलडी, 10-10 एमएलडी और 20-25 एमएलडी के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स प्रमुख हैं।
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आखिर क्या है सच्चाई?
सुशील गुप्ता के आरोपों और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के बीच क्या है सच्चाई? जहां एक ओर गुप्ता ने यमुना नदी में औद्योगिक कचरे के गिरने की बात कही है, वहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी अपनी जांचों में यमुना नदी के पानी को पूरी तरह से स्वच्छ और मानकों के अनुरूप बता रहे हैं। इसलिए, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट यह साबित करती है कि यमुनानगर में बहने वाली यमुना नदी का पानी फिलहाल स्वच्छ है और इसकी समय-समय पर उपचार भी की जा रही है।