Sampada-2.0: जमीन-घर की रजिस्ट्री और नामांतरण में हो रही गड़बड़ी को रोकने मध्यप्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठया है। सीएम मोहन यादव ने गुरुवार (10 अक्टूबर) को 'संपदा-2.0' पोर्टल और मोबाइल ऐप का शुभारंभ किया। उन्नत तकनीक पर आधारित इस सॉफ्टवेयर से लोग घर बैठे जमीन की रजिस्ट्री और नामांतरण कर सकेंगे। MP देश का पहला राज्य है जहां बिना रजिस्ट्रार दफ्तर के चक्कर लगाए लोग घर बैठे आसानी से जमीन और मकान की रजिस्ट्री करा सकते हैं। दस्तावेज की सॉफ्ट कॉपी वाट्सऐप और ईमेल से प्राप्त होगी। प्रॉपर्टी पर कितना लोन बकाया है, इसे भी चेक कर सकते हैं। देश ही नहीं विदेश में बैठे लोगों को भी इसका डेमो दिया गया। लोगों ने प्रक्रिया की सरलता पर खुशी जताई।
मोहन यादव बोले-इस नवाचार को पूरा देश फॉलो करेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में ई-रजिस्ट्री और ई-पंजीयन के नवीन प्रणाली पर विकसित "संपदा-2.0" पोर्टल और मोबाइल ऐप का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 'संपदा-2.0' की खूबियां बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किया गया डिजिटल इंडिया मिशन अब कल्पवृक्ष की तरह आमजन की हर जरूरत पूरी कर रहा है। मध्यप्रदेश में नवीन तकनीक पर आधारित 'संपदा-2.0' का नवाचार ऑनलाइन दस्तावेज पंजीयन में डिजिटल क्रांति का माइलस्टोन बनेगा। इस नवाचार को पूरा देश फॉलो करेगा।
ऐसे होगा यूजर का रजिस्ट्रेशन
https://www.mpigr.gov.in पर जाएं। यहां 'संपदा-2.0' पर क्लिक करें। फिर पंजीयन पर क्लिक करें। मोबाइल नंबर और कैप्चा दर्ज करें। आपके मोबाइल पर ओटीपी सत्यापन कोड भेजा जाएगा। ओटीपी दर्ज करें, फिर 'सबमिट' बटन पर क्लिक करें। UID नंबर दर्ज करें। फिर आपको जरूरी डॉक्यूमेंट की लिस्ट देना होगी। खरीदार और विक्रेता का विवरण देना होगा। संपत्ति की पहचान और सत्यापन करना होगा। स्टाम्प शुल्क और रजिस्ट्रेशन फीस का कैल्कुलेशन होगा। इसके बाद रजिस्ट्री ड्राफ्टिंग और वीडियो ई-केवाईसी करने के बाद पेमेंट करना पड़ेगा।
ऐसे रजिस्ट्री पर कर सकेंगे काम
- सबसे पहले S@MPADA 2.0 e-registry Portal ओपन करें।
- सर्विस प्रोवाइडर के रूप में या नागरिक के रूप में लॉगिन करें।
- रजिस्ट्री टैब के अंतर्गत इनिशिएट रजिस्ट्री पर क्लिक करके रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू करें।
- प्रॉपर्टी सिलेक्ट करने के लिए मैप, प्रॉपर्टी आईडी और कस्टोडियन विभाग से प्राप्त जानकारी के आधार पर प्रॉपर्टी का चयन करें।
- संपत्ति के फोटो के साथ उसकी जियो टैगिंग भी साथ में करें। सभी पक्षों और गवाहों के लिए आधार आधारित ई केवाईसी पूरा करें।
- फिर इसके आधार पर टेम्पलेट आधारित डीड ऑटोमेटिक तैयार होगी।
- ई साइन या डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से ऑनलाइन पूरा होगा।
- स्टांप ड्यूटी और अन्य सभी प्रकार के पेमेंट का भुगतान एक ही ट्रांजेक्शन से साइबर ट्रेजरी के माध्यम से ऑनलाइन करें।
- चयनित डॉक्यूमेंट और इंस्ट्रूमेंट के आधार पर स्लॉट बुकिंग तीन विकल्प में उपलब्ध होगी।
- यह विकल्प कार्यालय आधारित, फेसलेस नॉन इंटरेक्टिव, फेसलेस इंटरेक्टिव रूप में होगा।
मोदी की प्रेरणा से विकसित हो रहा प्रदेश
सीएम मोहन यादव ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह 10 साल प्रधानमंत्री रहे. वित्त मंत्री रहे और गवर्नर भी रहे, लेकिन वे भी ऐसी तकनीक नहीं विकसित कर पाए जैसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित कर दी। मोदी ने जीरो बजट से देश के गरीब लोगों की परेशानियों को ध्यान रखा है। अब जो व्यवस्था शुरू हुई है, उसमें नामांतरण के साथ बटांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो रही है। इसके लिए अलग आवेदन नहीं करना होगा।
मुख्यमंत्री ने हांगकांग के चंद्रावत से की बात
मोहन यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एग्रीमेंट, पावर ऑफ अटॉर्नी करने वाले लोगों से बातचीत की। हांगकांग में लॉ फर्म चलाने वाले सुरेंद्र चंद्रावत से मुख्यमंत्री ने बात करते हुए पूछा कि आपकी प्रॉपर्टी इंडिया में है तो इसका इनकम टैक्स आप इंडिया में शो करेंगे या हांगकांग में? चंद्रावत ने बताया कि प्रॉपर्टी इंडिया में है तो इंडिया में शो होगी। अगर हांगकांग में होती तो वहां पर शो की जाती। मुख्यमंत्री ने दिल्ली में बैठी डॉ.शक्ति मलिक और उनके पति से बातचीत की, जिन्हें घर में बैठकर यह सुविधा मिली और भोपाल नहीं आना पड़ा।