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African zebra born in MP: मध्यप्रदेश में पहली बार अफ्रीकन जेब्रा ने जन्म लिया है। इंदौर चिड़ियाघर में रविवार रात 10.30 बजे अफ्रीकन जेब्रा ने बच्चे को जन्म दिया। नए मेहमान के आने से जेब्रा की संख्या बढ़कर 3 हो गई है। पूरे प्रदेश में जेब्रा सिर्फ इंदौर जू में हैं। 

African zebra born in MP: मध्यप्रदेश के लिए अच्छी खबर है। पहली बार एमपी में किसी अफ्रीकन जेब्रा ने जन्म लिया है। रविवार रात 10.30 बजे  इंदौर चिड़ियाघर में अफ्रीकन जेब्रा ने जन्म लिया। नए मेहमान के आने से जेब्रा की संख्या बढ़कर 3 हो गई है। एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत जामनगर से 5 महीने पहले जेब्रा का जोड़ा लाया गया था। इंदौर जू को यह जोड़ा तीन राज्यों में 3 साल तक कोशिश करने के बाद मिला था। पूरे प्रदेश में जेब्रा सिर्फ इंदौर जू में हैं। 

सुबह तक करने लगा चहलकदमी 
मादा और बेबी जेब्रा दोनों स्वस्थ हैं। बेबी रातभर मां के ही पास रहा और सोमवार सुबह तक धीरे-धीरे पैरों पर खड़े होकर चहलकदमी करने लगा है। बता दें कि 52 एकड़ में फैले चिड़ियाघर में 1300 से ज्यादा वन्यप्राणी हैं। 9 शोर, 11 बाघ और चार तेंदुए हैं। 10 शावकों ने बीते 11 महीने में जन्म लिया है। हिरण और सियार की संख्या 50 से अधिक है।  

जानें कितनी मशक्कत के बाद मिला जेब्रा 
जानकारी के मुताबिक, तीन साल के प्रयास के बाद जेब्रा का जोड़ा लाने के लिए इंदौर चिड़ियाघर सफल हो पाया। इंदौर चिड़ियाघर प्रबंधन ने पहले अफ्रीकन जेब्रा के लिए मुंबई के वीरमाता जीजाबाई भोंसले चिड़ियाघर को प्रस्ताव भेजा था। इसके साथ ही सेंट्रल जू अथारिटी से एनिमल एक्सचेंज के तहत अनुमति चाही थी। वहां से तब हरी झंडी मिल गई थी।

बदले में व्हाइट टाइगर को देना तय हुआ 
अफ्रीकन जेब्रा को मुंबई चिड़ियाघर से इंदौर भेजने की तैयारी पूरी हो चुकी थी। अचानक महाराष्ट्र में फाइनल निर्णय लेने में दिक्कत आ गई और मामला अटक गया। इसके बाद इंदौर चिड़ियाघर प्रबंधन ने कर्नाटक और गुजरात से जेब्रा मांगा। अंतत: गुजरात से यह सहमति बनी। पांच महीने पहले जेब्रा आ गए। बदले में व्हाइट टाइगर जामनगर-गुजरात को देना तय हुआ। 

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