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Bhopal News: एम्स भोपाल के कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) विभाग द्वारा शनिवार को अपना सातवां स्थापना दिवस मनाया गया।

Bhopal News: मध्यप्रदेश में बच्चों का दिल भी तेजी से बीमार हो रहा है। पिछले एक साल में दिल से जुड़ी बीमारी के मरीजों की संख्या में ढाई गुना से ज्यादा बढ़ोतरी हुई। बच्चों में बढ़ रही दिल की बीमारी से जुड़े आंकड़े एम्स भोपाल ने जारी किए हैं। आंकड़ों के मुताबिक, दो साल में 5000 से ज्यादा नए मरीज सामने आए हैं। वर्ष 2021 में 2300 मरीज एम्स में इलाज कराने पहुंचे। 2023 में आंकड़ा बढ़कर 7 हजार के पार पहुंच गया। दो साल में ढाई गुना मरीजों की संख्या बढ़ी है। 2021 में औसतन 7 मरीज रोज एम्स में इलाज कराने पहुंचे। 2023 में मरीजों की संख्या रोज 19 पहुंच गई। राहत की बात यह है कि एम्स के डॉक्टरों के बेहतर इलाज से मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे हैं। साल 2021 में एम्स में 161 कार्डियक सर्जरी हुई। 2023 में 400 से ज्यादा सर्जरी की गई। 

AIIMS Bhopal
 

एमपी के अन्य अस्पतालों में रोज 100 से ज्यादा मरीज 
बता दें, यह आंकड़े एम्स भोपाल के हैं। इसके अलावा मध्यप्रदेश के बड़े सरकारी अस्पतालों में हर रोज औसतन 100 से ज्यादा दिल के मरीज पहुंच रहे हैं। हृदय रोग विभाग की ओपीडी में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ी है। 

विशेषज्ञों की मानें सलाह
डॉ. अय्यर ने बताया कि पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी एक बेहद जटिल प्रक्रिया होती है। सर्जरी के साथ बच्चों में होने वाली प्रतिक्रिया पर भी गहरी नजर रखनी पड़ती है। वयस्क लोगों के मुकाबले बच्चों की धमनियां छोटी होती हैं, जिससे सर्जरी करना बेहद जटिल हो जाता है। पीडियाट्रिक कार्डियक एनेस्थेटिस्ट डॉक्टर अमिता शर्मा ने एनेस्थीसिया का पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी में एक अहम रोल बताया। उन्होंने कहा कि यह उतना ही जरूरी है जितना सर्जरी के दौरान एक कार्डियक सर्जन का होता है। 

सातवां स्थापना दिवस मनाया गया
एम्स भोपाल के कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) विभाग द्वारा शनिवार को अपना सातवां स्थापना दिवस मनाया गया। इस दौरान पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी पर एक कार्यशाला आयोजित की गई। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अजय सिंह ने बताया की बच्चों में हृदय संबंधित रोगों के इलाज के लिए एक टीमवर्क बहुत जरूरी है।उन्होंने कहा-जल्द ही एम्स भोपाल पीडियाट्रिक सेंटर आफ एक्सीलेंस की शुरुआत होगी। जहां बच्चों के लिए सभी प्रकार के इलाज होंगे। इसकी एक स्पेशल टीम बनाई गई है। 

विशेषज्ञों ने बताया बीमारी से जुड़े लक्षण 
सीटीवीएस विभाग के प्रमुख डॉ योगेश निवारिआ ने विभाग की पिछले 6 वर्षों के दौरान हुई प्रगति की जानकारी दी। इस दौरान विशेषज्ञों द्वारा बच्चों में हृदय से जुड़ी बीमारियों की पहचान उनके लक्षण और जांच की प्लानिंग के बारे में बताया गया। इस कार्यशाला में नई दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल के डॉ. के एस अय्यर और एसजीपीजीआई लखनऊ के डॉ. निर्मल कुमार गुप्ता  देश के जाने-माने कार्डियक सर्जन उपस्थित रहे। 
 

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