MP News: एम्स भोपाल में जनरल सर्जरी विभाग ने एनाटॉमी विभाग के सहयोग से 28 जनवरी 2024 को 'ब्रेस्ट ऑन्कोप्लास्टिक सर्जिकल तकनीक' पर कैडेवरिक (शव) वर्कशॉप का आयोजन किया। परंपरागत रूप से ब्रेस्ट कैंसर में पूरे ब्रेस्ट को हटाना पड़ता है, लेकिन अब केवल गांठ को हटाना पड़ता है और ऑन्कोप्लास्टिक सर्जरी से ब्रेस्ट को वापस पहले जैसे आकर में लाया जा सकता है। इसलिए, ऐसी सर्जरी सीखने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया।
40 प्रतिभागियों ने यह तकनीक सीखी
इस कैडेवरिक वर्कशॉप में नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के डॉ. चिंतामणि, बर्मिंघम यूके की डॉ. विद्या राघवम और केजीएमयू, लखनऊ की डॉ. पूजा रमाकांत मुख्य प्रशिक्षक थीं। देश के विभिन्न हिस्सों से आए 40 प्रतिभागियों ने ब्रेस्ट ऑन्कोप्लास्टिक तकनीक सीखी।
एनाटॉमी विभाग द्वारा चार शव किए गए प्रदान
एनाटॉमी विभाग द्वारा चार शव प्रदान किये जिन पर ये सर्जरी की गई थी। एनाटॉमी विभाग द्वारा एक सिलिकॉन मॉडल भी बनाया गया था जिस पर स्तन कैंसर सर्जरी के लिए चीरा चिह्नों का प्रदर्शन किया गया था। यह कार्यशाला एशियन सोसाइटी ऑफ मैस्टोलॉजी, (ASOMA), अमेरिकन कॉलेज ऑफ सर्जन और आईसीएमआर, भारत सरकार के तत्वावधान में एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन और समर्थन से आयोजित की गई।
डॉ सिंह ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला स्नातक, स्नातकोत्तर छात्र और प्रैक्टिसिंग सर्जन्स के लिए फायदेमंद होगी। आयोजन समिति में शल्य चिकित्सा विभाग से प्रोफेसर (डॉ.) श्यामलाल और डॉ. स्वागता ब्रह्मचारी और एनाटॉमी विभागसे डॉ. सुनीता अठावले, डॉ. रेखा लालवानी और डॉ. शीतल कोटगीवार शामिल रहे।