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केरल में कोविड का नया वैरिएंट सामने आने के बाद मध्यप्रदेश में भी अलर्ट जारी किया गया है। लंबे समय बाद कोविड संक्रमित मरीज सामने आने के बाद से लोगों में भय का महौल है। ​​​​​​​

भोपाल। केरल में कोविड का नया वैरिएंट सामने आने के बाद मध्यप्रदेश में भी अलर्ट जारी किया गया है। लंबे समय बाद कोविड संक्रमित मरीज सामने आने के बाद से लोगों में भय का महौल है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को कहा, कोरोना के संबंध में केंद्र से जारी गाइडलाइन को प्रदेश में लागू किया गया है। साथ ही सीएम ने लोगों से कोरोना नियमों का पालन करने की अपील भी की है। कहा, हम सबने कोविड के विकराल स्वरूप को देखा है। वैसी स्थितयां दोबारा न बनने पाएं, इसके लिए जरूरी है कि हम सब जरूरी सावधानियां बरतें। 

कोरोना का यह सबवैरिएंट

जेएन-1 सार्स कोव-2 का एक उप प्रकार है। यानी यह कोरोना का नया वर्जन है। इसका एक मामला केरल में सामने आया है। डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन सेंटर (सीडीसी) की जानकारी के मुताबिक, कोरोना का यह सबवैरिएंट, ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट एसए 2.86 का ही वंशज है। हालांकि, नए वैरिएंट को काफी खतरनाक माना जा रहा है। अब तक के मामलों में यह वैरिएंट इयून सिस्टम को भी चकमा देने में माहिर है।

इंदौर के दंपती भी कोरोना संक्रमित

इंदौर से मालदीव घूमने गए दंपती अपने साथ कोरोना लेकर लौटे। राहत यह है कि 33 वर्षीय पत्नी होम आइसोलेशन पर स्वस्थ हो चुकी है। 38 वर्षीय पति का इलाज जारी है। नए वेरिएंट जेएन-1 की आशंका में स्वाब सैंपल भोपाल एम्स भेजा है।

मॉक ड्रिल कराई जा रही
पिछले 24 घंटे में कोविड के 5880 नए मामले देशभर में सामने आए हैं। केंद्र सरकार द्वारा जारी यह आंकड़े न सिर्फ सरकार बल्कि हेल्थ एक्सपर्ट्स की भी चिंता बढ़ा दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मीटिंग के बाद नई गाइडलाइन जारी की है। नई गाइडलाइन में राज्यों को सतर्क रहने और कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने की सलाह दी है। इसके अलावा देश के सभी अस्पतालों में कोरोना से निपटने की स्थितियों को ठीक करने के लिए मॉक ड्रिल कराई जा रही है। राज्यों के लिए जारी की गयी नई गाइडलाइन में मास्क पहनने और सार्वजानिक स्थलों पर भीड़ को कंट्रोल करने के निर्देश दिए गए हैं।

जांच की पर्यापत व्यवस्था करने के निर्देश

मप्र में सभी सीएमएचओ को जिलों में कोरोना जांच की पर्यापत व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए गए हैं। जरूरत पर जीनोम सिक्वेंसिंग भी होगी। मालूम हो कि अभी सीवियर रेस्पिरेटरी डिजीज का खतरा भी है। अस्पतालों में निमोनिया के मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। चिकित्सकों के अनुसार, यह सभी फैक्टर कोरोना को बढ़ावा दे सकते हैं। ऐसे में अभी से सतर्कता जरूरी है। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में रैपिड और आरटीपीसीआर जांच की व्यवस्था की जाए, ताकि बीमारी बढ़ने से पहले ही संदिग्ध मरीजों की पहचान की जा सके।

वायरस के लक्षण

  • बुखार 
  • लगातार खांसना
  • जल्दी थकान होना
  • नाक बंद या जाम हो जाना
  • नाक का बहना
  • दस्त 
  •  सिरदर्द
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