Bhopal: भोपाल में अब भीख देना और लेना दोनों ही अपराध के रूप में माना जाएगा। इस संबंध में जिला प्रशासन ने कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में आदेश जारी कर दिए हैं। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत यह कड़ा कदम उठाया गया है। अब से भोपाल के चौराहों पर भीख मांगने और देने वालों पर एफआईआर दर्ज की जाएगी। प्रशासन ने इस कार्रवाई के लिए निगरानी के रूप में चौराहों पर लगे CCTV कैमरों का सहारा लेने का निर्णय लिया है।
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इस बात की जानकारी दी कि सोमवार को सभी एसडीएम को इस आदेश पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही भिक्षावृत्ति करने वाले लोगों के लिए विशेष भिक्षु गृह बनाए जाएंगे। फिलहाल, नगर निगम के एक रैन बसेरे में अस्थायी भिक्षु गृह बनाने की योजना बनाई जा रही है, जहां भिखारियों के लिए भोजन और रुकने की व्यवस्था की जाएगी।
भीख न मिलने पर अभद्रता की घटना ने बढ़ाया विवाद
भोपाल में भिखारीों के खिलाफ यह कड़ी कार्रवाई तब सामने आई जब 26 जनवरी की रात एमपी नगर थाने में एक भिखारी के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। इस मामले में एक नागरिक की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई की थी, जिसमें भिखारी ने भीख न मिलने पर अभद्रता की थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि भीख मांगने वाले व्यक्ति ने उनसे अभद्रता की थी, जिससे मामला थाने तक पहुंचा।
इस घटना से पहले ही भोपाल में भिक्षावृत्ति के खिलाफ प्रशासन ने कदम उठाने की योजना बनाई थी। शहर के प्रमुख चौराहों और क्षेत्रों में महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान जैसे अन्य राज्यों से आए हुए 250 से ज्यादा भिखारी देखे जाते हैं। ये लोग सुबह से शाम तक चौराहों पर भीख मांगते हैं, और अक्सर सिर्फ पैसे ही मांगते हैं, खाने-पीने की चीजों में रुचि नहीं दिखाते।
भिखारी मुक्त शहर की दिशा में प्रशासन की योजना
पिछले सवा महीने में महिला बाल विकास विभाग और सामाजिक न्याय विभाग ने भी भोपाल को भिखारी मुक्त बनाने के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया था। इस योजना के तहत भीख देने वालों पर स्पॉट फाइन लगाने की बात थी, साथ ही भिखारियों के पुनर्वास के लिए शेल्टर होम बनाने की भी योजना बनाई गई थी। हालांकि, किराए के मकान की कमी और सरकारी बिल्डिंग्स में उपलब्धता न होने के कारण इसे कार्यान्वित नहीं किया जा सका। अब, प्रशासन ने अस्थायी भिक्षु गृह बनाने के लिए रैन बसेरा में प्राथमिकता दी है, ताकि भिखारियों को उचित सहायता मिल सके।