भोपाल (आनंद सक्सेना): भारत सरकार ने 2024 तक देश के प्रत्येक घर में नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा है, लेकिन भोपाल में  हर घर को नल कनेक्शन उपलब्ध नहीं हो पाया है। इसकी प्रमुख वजह किसी कंपनी का काम में रुचि नहीं लेना। भोपाल नगर निगम 1 साल से टेंडर निकाल रहा है, लेकिन अब तक किसी कंपनी ने टेंडर प्रक्रिया में अपनी दिलचस्पी नहीं दिखाई। 

हाल ही में नगर निगम ने 6वीं बार टेंडर आमंत्रित किए, जो 16 जनवरी 2025 को खोले जाएंगे। नगर निगम ने इस बार नए सिरे से संशोधन कर टेंडर जारी किए हैं, इसलिए उम्मीद है कि अगले साल भोपाल में हर घर को नल कनेक्शन से पानी मिलेगा।  

नगर निगम अधिकारियों के अनुसार, कोई भी एजेंसी योजना के तहत काम करने को तैयार नहीं हो रही थी, इसलिए अब नए सिरे से टेंडर जारी कर दिए गए हैं। भोपाल में करीब 80 हजार घरों को अभी भी नल जल का इंतजार है। वहीं इसके तहत ही कवर्ड कैंपस में मौजूद घरों को भी बल्क की जगह व्यक्तिगत नल कनेक्शन देना था, लेकिन पहले 80 हजार घरों को नल जल देने के बाद ही कवर्ड कैंपस में कनेक्शन दिए जा सकते हैं। इस योजना में शहर के विभिन्न हिस्सों में 40 नए ओवरहेड टैंक बनना है। इनके माध्यम से ही नए कनेक्शन जोड़े जाएंगे। 

379 करोड़ में काम करने तैयार नहीं एजेंसियां
अधिकारियों के अनुसार, 379 करोड़ रुपए की लागत से पानी सप्लाई नेटवर्क तैयार का प्रोजेक्ट करने के लिए कंपनी या निर्माण एजेंसी तैयार नहीं हो रही थीं। यह राशि कम लग रही है। कुछ कंपनियां लागत में 20 फीसदी तक बढ़ोतरी करने की बात कह चुकी हैं। 

निगम को देना होगा 17 फीसदी राशि
अमृत-2 के लिए बनी केंद्र व राज्य की साधिकार समितियों से 379 करोड़ रुपए की योजना के लिए मंजूरी मिली है। यदि इससे अधिक लागत पर टेंडर मंजूर किया जाता है तो अंतर की राशि नगर निगम को देनी होगी। यह निगम के लिए किसी भी स्थिति में संभव नहीं हो सकेगा। इसके पीछे वजह यह है कि पहले से ही मंजूर परियोजना लागत की 17 फीसदी राशि निगम को देना है। यह राशि लगभग 63 करोड़ रुपए है। बीएमसी के लिए इसकी व्यवस्था करना ही मुश्किल है।