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Cheetah Veera reached Gwalior: मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से बड़ी खबर है। कूनो की सीमाएं लांघकर मादा चीता वीरा मुरैना के जौरा और पहाड़गढ़ होते हुए ग्वालियर पहुंच गई है। बाग वाला गांव में वीरा ने तीन बकरियों का शिकार भी किया। 

Cheetah Veera reached Gwalior: श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क की सीमाएं लांघकर मादा चीता वीरा मुरैना के जौरा और पहाड़गढ़ होते हुए ग्वालियर पहुंच गई है। चीता वीरा ने ग्वालियर और मुरैना की सीमा पर बसे भंवरपुरा के बाग वाला गांव में तीन बकरियों का शिकार किया। एक बकरी को जंगल में खींचकर ले गई। गांव में चीता आने से लोगों में दहशत है। ग्रामीण घर से अकेले नहीं निकल रहे हैं। झुंड में खेतों की ओर जा रहे थे। वन विभाग भी अलर्ट हो गया है। चीता को पकड़ने के लिए टीमें लगा दी गई हैं।

बिना रेस्क्यू किया वापस कूनो ले जाने की प्लानिंग 
कूनो की टीम चीता वीरा की निगरानी कर रही है। वीरा को बिना रेस्क्यू कर वापस नेशनल पार्क ले जाने की प्लानिंग है। भंवरपुरा और आसपास के गांव के लोग दहशत में है। लोग ग्रुप में ही घरों से बाहर आ-जा रहे हैं। बता दें कि कूनो की सीमाएं चीता पवन और मादा चीता वीरा को रास नहीं आ रही हैं। अभी कुछ दिन पहले पवन को राजस्थान के करोली से वापस लाया गया है। वीरा इस इलाके में पहली बार आई है।

मेढ़ पर बैठी रही चीता
मुरैना जिले की सीमा से बाग वाला गांव करीब ढाई किमी दूरा है। यहां चीता ने बकरी चरा रहे धर्मवीर गुर्जर की बकरीयों पर हमला किया। तीन बकरियां घायल हो गईं, इनमें से एक को मारकर चीता घसीटकर जंगल किनारे खेत में ले गई। सूचना के एक घंटे बाद ग्वालियर से वन विभाग की टीम पहुंची। देखा तो वीरा मेढ़ पर बैठी रही। लेकिन वन विभाग की टीम रेस्क्यू नहीं कर पाई। 

पवन को राजस्थान से किया था ट्रैंकुलाइज
15 दिन पहले कूनो नेशनल पार्क से निकलकर राजस्थान में घुसे नर चीता पवन को ट्रैंकुलाइज कर कूनो लाया गया था। नर चीता पवन कूनो से चंबल नदी पार कर करीब 50 किलोमीटर दूर पड़ोसी राज्य के करौली जिले की सीमा में दाखिल हो गया था। जिसकी जानकारी राजस्थान के वन विभाग ने कूनो पार्क के अधिकारियों को दी थी। इसके बाद कूनो की टीम ने चीता पवन का रेस्क्यू किया था। 

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