भोपाल। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान भले ही मुख्यमंत्री नहीं बन पाए, चुनाव से ठीक पहले तत्कालीन सीएम शिवराज द्वारा शुरू की गई अतिमहत्वाकांक्षी लाड़ली बहना योजना आगे भी चलती रही। यह बात मंगलवार को नवगठित जिले पार्ढुना पहुंचे मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव महिलाओं से संवाद कार्यक्रम में कही।
मुख्यमंत्री ने मोहन यादव ने मीडिया से चर्चा के दौरान भी लाड़ली बहना योजना पर अपनी स्प्ष्ट राय रखी है। कहा मध्यप्रदेश में किसी भी योजना को बंद नहीं किया जाएगा। मोहन यादव ने कहा, प्रदेशवासियों से मेरा भाई-बहन का नाता है।
3000 रुपए महीने करने का था वादा
लाड़ली बहना योजना को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव से पांच महीने पहले शुरू की थी। इस योजना के तहत पंजीकृत महिलाओं को हर महीने 1000 रुपए दिए जाते थे। दिवाली से पूर्व सरकार ने इममें 250 रुपए की बढ़ोत्तरी कर हर माह मिलने वाली राशि को 1250 रुपए महीना कर दिया था। साथ ही लाड़ली बहना योजना को महिला सशक्तिकरण की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताते हुए चुनाव बाद महिलाओं को हर महीने 3000 रुपए करने का वादा किया था। कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठा भी रहे हैं।
हर माह तकरीबन 1269 करोड़ खर्च
लाड़ली बहना योजना के तहत 1 करोड़ 31 हजार महिलाएं पंजीकृत हैं। सरकार द्वारा इनके खाते में हर माह तकरीबन 1269 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए जाते हैं, लेकिन वर्तमान वित्तीय हालातों में सरकार को यह खर्च वहन कर पाना मुश्किल हो रहा है। पिछली सरकार ने जब-जब लाड़ली बहनों के खाते में राशि भेजी, तब तब उसे कर्ज लेना पड़ा है।