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मुख्य सचिव जैन ने मंत्रालय में विभागाध्यक्षों, निगम- मंडलों के प्रबंध संचालकों के साथ बैठक कर विकसित मप्र बनाने के संबंध में आवश्यक दिशा- निर्देश दिए।

हरि अग्रहरि. भोपाल। मुख्य सचिव अनुराग जैन पिछले 3 अक्टूबर से लगातार मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे हैं। उन्होंने सबसे पहले अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिव स्तर के विभाग प्रमुखों के साथ बैठक की थी। सभी को अपनी प्राथमिकताएं बता दी थी। इसके बाद शुक्रवार को उन्होंने विभागाध्यक्ष और विभिन्न्ा निगम मंडलों के एमडी को 6 सूत्रीय एजेंडे की तैयारियों के साथ बुला लिया। मुख्य सचिव जैन ने साफ कर दिया कि उन्हें हर हाल में बगैर किसी शिकायत के साथ परिणाम चाहिए। इसमें जो खरा नहीं उतरेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। 

मुख्य सचिव जैन ने मंत्रालय में विभागाध्यक्षों, निगम- मंडलों के प्रबंध संचालकों के साथ बैठक कर विकसित मप्र बनाने के संबंध में आवश्यक दिशा- निर्देश दिए। जैन ने अधिकारियों से कहा कि आप सभी सरकार के महत्वपूर्ण अंग हैं। योजनाओं का क्रियान्वयन एवं नियमों का पालन कराना और उसके अच्छे परिणाम आए, उसकी जिम्मेदारी आपकी है। उन्होंने 6 सूत्रीय एजेंडे में महत्वपूर्ण योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन एव योजना के मूल उद्देश्यों की प्राप्ति को लेकर खासतौर पर विभागाध्यक्षों व अन्य अधिकारियों से चर्चा की। यह उनके साथ पहली बैठक थी, इसलिए उन्होंने कहा कि अभी जो तैयारियां हैं, उसे और दुरूस्त करें। इसके बाद उन्होंने एजेंडे के अनुसार विस्तृत रूपरेखा के बारे में अपनी प्राथमिकताएं बताई। 

एक जनवरी 2025 तक ई-ऑफिस प्रणाली लागू हो जाए
मुख्य सचिव जैन ने कहा कि एक जनवरी 2025 तक सभी विभागों में ई-ऑफिस प्रणाली लागू हो जाए यह सुनिश्चित करें। ई-ऑफिस से कार्य-प्रणाली में पारदर्शिता और गतिशीलता आएगी। समय-सीमा में कार्य हो सकेंगे। मुख्य सचिव ने कहा कि सभी विभागीय अधिकारी तकनीक के साथ अपग्रेड रहे। दरसअल, सालों से ई-आफिस प्रणाली लागू करने को लेकर कई बार बैठकें हुई, पर वास्तविक रूप से यह प्रणाली लागू नहीं हो पाई। अकेले मंत्रालय में ही जीएडी में आधा अधूरा काम ई-ऑफिस प्रणाली पर होता है, जबकि दूसरे विभागों में लगभग नहीं हो पा रहा है। इस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए हर हाल में एक जनवरी तक का समय दे दिया। इसीतरह संचालनालयों में यही प्रणाली बेकार जैसी हो गई है। जैन ने इसे हर हाल में दुरूस्त करने का निर्देश दिया है। 

निवेश बढ़ाने के लिए निवेश प्रस्तावों का करें फॉलोअप
मुख्य सचिव जैन ने कहा कि विकसित मप्र बनाने के लिए आय के नए स्त्रोत तलाशें। प्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिए निवेशकों के साथ लगातार संपर्क करें और अपनी सक्रियता बनाएं रखें। निवेश प्रस्तावों के क्रियान्वयन के लिए निरंतर प्रयासरत रहें। न्यायालय में चल रहे प्रकरण, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, प्रसूति सहायता योजना, संबंल योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना सहित प्रदेश में संचालित हो रही अन्य योजनाओं के क्रियान्यवयन में आ रही समस्याओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि समस्याओं के समाधान के लिए आपस में समन्वय एवं संवाद किया जाये।

अभियान चलाकर किसानों की कराएं ई-केवाईसी
मुख्य सचिव ने सीएम हेल्पलाइन में आ रही शिकायतें और लंबित शिकायतों का त्वरित निराकरण करने और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अभियान चलाकर किसानों की ई-केवाईसी कराने के निर्देश दिए। उन्होंने सीएम हेल्पलाइन कीे पेंडेंसी पर खासी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि हर हाल में पेंडेंसी खत्म करें। वे जल्दी ही इसकी जानकारी लेंगे। 

इन बिंदुओं पर की चर्चा
महत्वपूर्ण योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन एवं योजना के मूल उद्देश्यों की प्राप्ति, सुशासन, सीएम हेल्पलाइन,  लोक सेवा गारंटी, समय-सीमा में कार्यों का निष्पादन करना, कार्यों में पारदर्शिता, राजस्व वृद्दि के उपाय, मानव संसाधन प्रबंधन सहित अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की। मुख्य सचिव ने अन्य कोई नवाचार व बेस्ट प्रैक्टिसेस के बारे में भी पूछा। उन्होंने कहा कि इस पर भी उन्हें कुछ चाहिए। 
 

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