MP Financial crisis: मध्यप्रदेश सरकार की वित्तीय हालत ठीक नहीं है। वित्त विभाग ने बुधवार, 23 अक्टूबर को सर्कुलर जारी विभागों के मनमर्जी खर्च पर रोक लगा दी है। 30 करोड़ से ज्यादा का भुगतान अब बिना अनुमति के नहीं होगा।
वित्त विभाग ने लिखा पत्र
- वित्त विभाग के अवर सचिव और बजट डायरेक्टर तन्वी सुन्द्रिपाल ने द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि फ्लैगशिप योजनाओं को छोड़कर शेष सभी देयकों भुगतान के लिए से पूर्व अनुमति लेनी होगी।
- वित्त विभाग द्वारा आदेश में यह भी कहा गया कि त्रैमासिक व्यय अवधि वाली ऐसी योजनाओं जिनमें केंद्र और राज्य का बजट शामिल है, उनसे जुड़े प्रस्तावों में कंडिका 3 का पालन कराएं।
- वित्त विभाग ने यह आदेश सभी विभागों के अवर सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को लिखा है। साथ ही पत्र में शामिल बिंदुओं सख्ती से पालन कराने का आग्रह किया है।
70 से अधिक योजनाओं पर वित्तीय पाबंदी
दरअसल, लाड़ली बहना, किसान सम्मान निधि सहित कुछ अन्य योजनाओं के बाद से मध्य प्रदेश सरकार की वित्तीय स्थित बिगड़ गई है। हर माह लोन लेना पड़ रहा है। वित्त विभाग ने इसी संकट को देखते हुए अगस्त माह में 33 विभागों की 70 से अधिक योजनाओं पर वित्तीय पाबंदी लगा दी थी। इन पर रुपए खर्च करने से पहले वित्त विभाग की अनुमति अनिवार्य की गई थी। यह पाबंदी मार्च 2025 तक के लिए लागू की गई है।
MP सरकार पर 4 लाख करोड़ से अधिक ऋण
मध्यप्रदेश सरकार ने विभिन्न संस्थाओं से 4 लाख करोड़ से अधिक ऋण ले रखा है। अगस्त माह में सरकार ने दो बार में करीब 10 हज़ार करोड़ का कर्ज उठाया। लगातार बढ़ते कर्ज के बोझ को देखते हुए यह निर्णय लेने पड़ रहे हैं।
स्कूटी योजना और ट्रेनिंग प्रोग्राम प्रभावित
मध्य प्रदेश में वित्तीय संकट के चलते मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना, मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना, फसल बीमा योजना, संबल योजना, सीएम सोलर पंप स्कीम, बेरोजगार युवाओं के लिए स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम, विदेश अध्ययन योजना, तीर्थ दर्शन सहित अन्य योजनाएं प्रभावित हैं। इनके लिए बजट खर्चने वित्त विभाग की परमिशन अनिवार्य है।
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सड़क मेंटीनेंस पर भी बजट का संकट
मध्य प्रदेश में वित्तीय संकट के चलते जनहित की योजनाएं ही नहीं बल्कि, जरूरी निर्माण कार्य भी प्रभावित हैं। सड़कों की मरम्मत के शुरू की गई कायाकल्प योजना सहित पीडब्ल्यूडी विभाग के अन्य जरूरी कार्य भी प्रभावित हैं। वित्त विभाग ने इनके लिए भी सशर्त भुगतान के आदेश जारी किए हैं।