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Kuno National Park:  मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से बुरी खबर है। दक्षिण अफ्रीका से लाई मादा चीता गामिनी के एक और शावक की मौत हो गई। रीढ़ की हड्‌डी में फ्रैक्चर होने से घायल शावक ने 7 दिन चले इलाज के बाद 5 अगस्त को दम तोड़ दिया।

Kuno National Park: मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से बुरी खबर है। अफ्रीका से लाई मादा चीता गामिनी के एक और शावक की मौत हो गई। रीढ़ की हड्‌डी में फ्रैक्चर होने से शावक घायल था। 7 दिन चले इलाज के बाद 5 अगस्त को उसने दम तोड़ दिया। कूनो में अब 13 चीते और 12 शावक ही बचे हैं। बता दें कि चीता गामिनी ने 10 मार्च 2024 को 6 शावकों को जन्म दिया था। 4 जून 2024 एक शावक की मौत हो गई थी। 5 अगस्त को एक और शावक की मौत हो गई।

हाईटेक व्यवस्था के बाद भी लगातार मौतें 
चीतों की सुरक्षा के लिए करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। अलग से अधिकारियों की तैनाती कर रखी है। कई स्तर पर निगरानी की व्यवस्था है। आधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। शतत स्वास्थ्य जांच के लिए पशु चिकित्सकों का दल लगा हुआ है। इसके बाद भी मौतों का सिलसिला नहीं थम रहा है। कूनो में नामीबिया और दक्षिण अफ्रिका से लाए गए 20 चीतों में से अब तक 7 चीतों की मौत हो चुकी है। कूनो की धरती पर जन्म लेने वाले 17 शावकों में से अब तक 5 शावकों की मौत हो चुकी है। कूनो में अब कुल 25 चीते हैं। इनमें 13 चीते और 12 शावक हैं।

जानें...कूनो में कब, किस चीते की मौत हुई

  • 5 अगस्त को गामिनी के एक और शावक की मौत। 
  • 4 जून 2024 को चीता गामिनी ने शावक की हुई थी मौत। 
  • 16 जनवरी 2024 को नामीबियाई चीता शौर्य की मौत हुई थी।  
  • 26 मार्च 2023 को साशा की मौत हुई। साशा को नामीबिया से लाया था। किडनी इंफेक्शन के कारण मौत हुई। 
  • 23 अप्रैल 2023 को साउथ अफ्रीका से लाए गए चीते उदय की दिल के दौरे से मौत हुई। 
  • 9 मई 2023 को दक्षिण अफ्रीका से आई दक्षा की मेटिंग के दौरान मौत हुई।  
  • 23 मई 2023 को मादा चीते ज्वाला के एक शावक की मौत हो गई। गर्मी, डिहाइड्रेशन को कारण बताया। 
  • 25 मई 2023 को ज्वाला के दो और शावकों की मौत हुई। ज्यादा तापमान और लू को मौत का कारण बताया।  
  • 11 जुलाई 2023 को चीता तेजस की मौत हुई। चीतों के आपसी संघर्ष को मौत का कारण बताया।
  • 14 जुलाई 2023 को चीता सूरज की मौत हुई। चीतों के आपसी संघर्ष में ही सूरज की जान गई है। 
  • 2 अगस्त 2023 को मादा चीता धात्री की मौत हुई। पोस्टमॉर्टम में इंफेक्शन से मौत की वजह सामने आई थी। 

कूनो का जंगल चीतों के लिए छोटा 
कूनो नेशनल पार्क का जंगल ज्यादा चीतों को रखने के लिए पर्याप्त नहीं है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि, हाल में केन्या के चीता विशेषज्ञों ने कूनो के चीता प्रोजेक्ट की सफलता और व्यवस्थाएं देखने के बाद गांधी सागर अभयारण्य में चीतों को बसाने की संभावनाएं तलाश की हैं। कूनो में जगह की कमी होने की बात बार-बार कही जाती रही है। कई एक्सपर्ट और वन विभाग अधिकारी खुद कह चुके हैं कि कूनो का जंगल ज्यादा चीतों को रखने के लिए पर्याप्त नहीं है। शासन को पत्र भी लिख चुके हैं।

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