भोपाल। मध्य प्रदेश में जिले और संभागों की सीमा का निर्धारण नए सिरे किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर सीमा निर्धारण के लिए अफसरों की एक कमेटी गठित की गई है, जो स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से परामर्श कर वहां की जरूरतों के हिसाब से जिले और संभाग की सीमा निर्धारण का ड्राफ्ट तैयार करेंगे। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसकी शुरुआत इंदौर संभाग से की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज कलेक्टर कार्यालय खरगोन में आयोजित इंदौर संभागीय समीक्षा बैठक में जनप्रतिनिधियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संभाग की कानून व्यवस्था, प्रगति तथा विकास से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।@DrMohanYadav51 pic.twitter.com/iAfZDbsvAH
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) January 1, 2024
जिले और संभाग के बाद मुख्यमंत्री ने थानों की सीमा भी पुर्ननिर्धारित करने को कहा है। CM मोहन यादव ने खरगोन में इंदौर संभाग के अफसरों की समीक्षा बैठक ली। इसमें प्रशासनिक दृष्टि से जनता की सुविधाओं के हिसाब से संभाग, जिलों की सीमा तय करने के निर्देश दिए।
संभागों में यह बदलाव संभावित
जबलपुर संभाग में 8 जिले हैं। जबकि, इससे लगे शहडोल संभाग में सिर्फ तीन जिले हैं। डिंडोरी जिला शहडोल से लगा हुआ है। लेकिन जबलपुर संभाग में आता है। इसे शहडोल में मिलाया जा सकता है। इसी तरह नर्मदापुरम संभाग में तीन जिले हैं। जबलपुर संभाग में आने वाले नरसिंहपुर जिले को नर्मदापुरम संभाग में शामिल किया जा सकता है।
सीमा पुनर्निर्धारण इसलिए जरूरी
- बड़वानी जिले की सीमा शहर से 4 किमी दूर खत्म हो जाती है। इसके बाद धार जिले की कुक्षी और निसरपुर तहसील लग जाती है। जो जिला मुख्यालय 100 किमी दूर है। कुक्षी और निसरपुर तहसील को बड़वानी में शामिल कर दें तो दोनों की दूरी 10 से 12 किमी रह जाएगी।
- बसई तहसील दतिया में है। बसई से दतिया जाने जाने के लिए झांसी (यूपी) होकर करीब 90 से 100 किमी का सफर करना पड़ता है। बसई की सीमा निवाड़ी जिले से लगी है।
- मालनपुर भिंड जिले में है और ग्वालियर जिले से 16 किमी दूर है।
- पीथमपुर इंदौर से सटा है, लेकिन जिला मुख्यालय धार 70 किमी है।
- भोपाल से 10 किमी बाद मंडीदीप सीमा शुरू हो जाती है। जबकि, मंडीदीप का जिला मुख्यालय रायसेन है। मुख्यालय पहुंचने के लिए यहां के लोगों को 70 किमी दूर जाना पड़ता है।
- मप्र में कोलार सबसे बड़ा थाना है। इसकी सीमा 45 वर्ग किमी में फैली हैं। कुछ हिस्सा मंडीदीप और चूनाभट्टी थाने में शामिल करना चाहिए। कजलीखेड़ा थाना भी प्रस्तावित है।