भोपाल। डॉ. मनोहर भंडारी महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर में सहायक प्राध्यापक थे। दिसंबर 2020 में सेवानिवृत्त हो गए। 1 अप्रेल 2006 से उन्हें समयमान वेतनमान का लाभ 2012 से मिलना था, जब लाभ नहीं दिया तो दोबारा 1 जून 2021 को आदेश हुए थे। तब भी अधिकारियों ने लाभ नहीं दिया। वह अन्य प्राध्यापकों के साथ हाईकोर्ट इंदौर खंडपीठ की शरण में गए।
विभाग की ओर से तब के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने न्यायालय ने कम्प्लायंस रिपोर्ट पेश कर लाभ देने की बात कही थी, लेकिन अफसरों ने तब भी लाभ नहीं दिया तो 69 वर्षीय डॉ. भंडारी ने 3 जनवरी को पीएमओ कार्यालय को पत्र लिखा है। जिसमें चिकित्सा शिक्षा विभाग : डीएमई: के कुछ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। डॉ. भंडारी को विदेश मंत्रालय की सिफारिश पर फरवरी 2023 में फिजी में विश्व हिंदी सम्मान भी मिला है।
डॉ. भंडारी ने पीएमओ को लिखे पत्र में बताई अन्याय की दास्तां
2008 से राज्य के अधिकारी, कर्मचारियों को समयमान वेतनमान देने की घोषणा हुई थी। लाभ 1 अप्रैल 2006 से दिया जाना था। चिकित्सा शिक्षा विभाग के शिक्षकों को लाभ देने 2012 में दोबारा आदेश निकाला गया। तब भी लाभ नहीं मिला तो न्यायालय की शरण ली थी।
31 जुलाई 2019 को मामले में पहली सुनवाई हुई और इसी दिन लाभ देने के आदेश हुए थे। लाभ नहीं मिलने पर जनवरी 2020 में अवमानना याचिका लगाई थी। इसी बीच 1 जून 2021 को डीएमई ने राज्यपाल के हस्ताक्षर से मुझे समेत 3 प्राध्यापक को लाभ देने के आदेश दिए लेकिन तब भी मुझे छोडकऱ दो प्राध्यापको लाभ दे दिया गया। मुख्यमंत्री मप्र व आपके कार्यालय को पत्र लिखे, तब भी आज तक लाभ नहीं मिला।
न्यायालय के आदेश की तारीख ही बदल दी
मुझे आज तक समयमान वेतनमान का लाभ तो दिया नहीं, उलटा जनवरी 2020 में लगाई अवमानना याचिका के जवाब में दो वर्ष बाद 28 मार्च 2022 को डीएमई की ओर से कम्प्लायंस रिपोर्ट पेश की गई। जिसमें न्यायालय के 31 जुलाई 2019 को जारी आदेश की तारीख को पलटकर 19 नवंबर 2018 बता दिय।
- डॉ. मनोहर भंडारी, सेवानिवृत्त सहायक प्राध्यापक, महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, इंदौर
निराकरण कराएंगे
पूर्व में क्या हुआ और क्यों किया गया, इसके बारे में तो मैं कुछ नहीं कह सकता। लेकिन डॉ. भंडारी से जुड़ा मामला सही है और वह लाभ की पात्रता रखते हैं तो बिल्कुल लाभ दिलाया जाएगा।
- डॉ. अरुण श्रीवास्तव, संचालक, चिकित्सा शिक्षा, मप्र