Pradhan Mantri Awas Yojana : भोपाल शहर को स्लम फ्री बनाने की कवायद एक बार फिर से शुरु होने जा रही है, जिसके तहत लोकसभा चुनाव के बाद चिन्हित 73 झुग्गी बस्तियों के करीब पांच हजार परिवारों को जेएनएनयूआर प्रोजेक्ट के तहत मकान दिए जाएंगे। पुरानी झुग्गी बस्तियों को हटाने के लिए आसपास जगहों की तलाश की जा रही है। शहर में अब तक झुग्गियों को हटाने के लिए 1450 करोड़ रुपए खर्च हो गए हैं।

650 एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा  
राजधानी में झुग्गी बस्तियों के इलाकों की संख्या बढ़कर 73 तक पहुंच गई है। जबकि, एक जानकारी यह भी सामने आई है कि भोपाल में ही करीब 10 हजार करोड़ की 650 एकड़ सरकारी जमीन पर अभी भी अवैध कब्जा किया गया है। सरकारी जमीनों को खाली कराने के लिए प्रशासन लगातार कार्रवाई भी कर रहा है।

कैचमेंट एरिया में 4 हजार झुग्गियां
नगर निगम की सीमा में बंगरसिया, अमरावव खुर्व, रायसेन रोड, चांदपुर, नई जेल, कान्हासेया, गांधी नगर, बैरागढ़ व गौरी के बीच भदभदा डैम के पास तालाब के कैचमेंट एरिया में करीब 4 हजार झुग्गियां बस गई हैं। जबकि, बाणगंगा, भीम नगर, पंचशील, राहुल नगर, ईश्वर नगर, वल्लभ नगर, रोशनपुरा झुग्गी बस्ती क्षेत्र में पक्क्के मकान बन गए हैं। भेल की जमीन पर पिपलानी, हबीबगंज, गोविंदपुरा व बरखेड़ा, पिपलिया पेंढे खां, पठानी व पद्मनाभ नगर की खाली जमीन पर करीब 6 हजार झुग्गियां तन गईं। 

कलेक्टर ने कहा, जितनी जमीनें हैं बनेंगे आवास
पीएम आवास योजना को लेकर भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा, शहर का स्लम फ्री किया जाना है, लेकिन हमारे पास जमीनें कम हैं। जितनी हैं, उन पर पीएम आवास बनाए जा रहे हैं। इसमें से 50 फीसदी स्लम वालों के लिए हैं। नई झुग्गियों की बसाहट रोकने नियमित कार्रवाई की जाती है। निगम के साथ मिलकर शहर को स्लम फ्री बनाने के लिए पीएम आवास दिए जाएंगे।

16 साल से चल रहा प्रयास
साल 2008 में जेएनएनयूआर प्रोजेक्ट के तहत 11 हजार 500 आवास बनाए गए। जिसमें अर्जुन नगर, मैनिट के पास बस्ती. कोटरा सुल्तानाबाद नेहरू नगर, 1100 क्वाटर्स के प्रोजेक्ट शामिल हैं। इनमें 448 करोड़ खर्च हुए, लेकिन अब कलियासोत कैचमेंट के भीतर झुग्गियां बन गईं। जिन्हें मकान मिले, उन्होंने भेल क्षेत्र में भी झुग्गी बना ली। अब फिर शहर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 14 हजार फ्लैट बनाने का अभियान चल रहा है। इस पर 546 करोड़ खर्च होंगे।