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Food Safety Day: खाद्य सुरक्षा दिवस के उपलक्ष्य में शुक्रवार 7 जून से भोपाल में 11 दिन तक मोबाइल फूड लैब वैन चलेगी। जो शहर के अलग अलग हिस्सों में जाकर खाद्य पदार्थों की जांच करेगी। दूध में यूरिया, डिटर्जेंट, फैट व पनीर में स्टार्च की जांच करा सकते हैं।

Food Safety Day: खाद्य सुरक्षा को लेकर राजधानी भोपाल में अगले 11 दिन तक मोबाइल फूड लैब वैन चलेगी। यह वैन शहर के 41 स्थानों पर जाएगी और स्पॉट पर खाद्य पदार्थों की जांच करेगी। यह वैन दूध में यूरिया, डिटर्जेंट, फैट की जांच करेगी। साथ ही पनीर में स्टार्च और फैट की जांच करेगी। इसके अलावा नमक में आयोडीन, मसालों में केमिकल, कलर, मिट्टी, धूल की जांच होगी। फलों में कलर और वैक्स की जांच भी वैन की टीम करेगी। फूड और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग इसका संचालन करेगा। विश्वभर में विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जा रहा है।

नमूने जांच के लिए इकट्ठा कर रहे हैं
खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेंद्र दुबे ने बताया कि खाद्य विभाग की टीम द्वारा लगातार सैकड़ों दुकानों और मिलावटखोरों पर कार्रवाई की जा रही है। शहर के नामी रेस्टोरेंटों और मैरिज गार्डनों से आटे के सैंपल, खाने के तेल सहित कई प्रोडक्ट के नमूने जांच के लिए इकट्ठा कर रहे हैं। इनमें नमकीन और मैदे के बने प्रोडक्ट, घी, सरसों तेल, गजक, दूध, दूध से बनी वस्तुओं के नमूने भी शामिल हैं, शामिल हैं, जिन्हें जांच के लिए भेजा गया है। गुरुवार से मोबाइल फूल लैब शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर ऑन द स्पॉट खाद्य पदार्थों की जांच करेगी।

दूषित भोजन से संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा
मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. धीरज शुक्ला ने लोगों के खान पान को लेकर बताया कि सेहत को सबसे ज्यादा प्रभावित वृषित भेजन और पानी करते है। दूषित भोजन से संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा होता है, क्योंकि इस पर बैक्टीरिया, वायरस और पैरासाइट का अटैक सबसे जल्दी होता है। इसके अलावा खाने को ज्यादा दिनों तक सुरक्षित रखने के लिए अनेक तरह के प्रिजर्वेटिव्स में पाए जाने वाले केमिकल्स भी फूड प्वाइजनिंग के लिए जिम्मेदार होते है।  इसलिए गर्मियां हो या सर्दियां, खाने के साथ-साथ पीने के पानी में भी सावधानी बरतनी चाहिए।

आलस और थकान की समस्या शुरू होना भी खतरे के संकेत
उन्होंने बताया कि दूषित खाने से होने वाली बीमारियों के लक्षण दूषित और विषैले भोजन से डायरिया और उल्टी की समस्या बहुत आम है जो लगभग 7 दिनों तक चलती है। इसके अलावा पेट में मरोड़, उल्टी, तबीयत खराब होना, जोड़ों में दर्द, आलस और थकान की समस्या शुरू होना भी खतरे के संकेत हैं।

खाना फेकने के बजाए जरूरतमंद लोगों को बांटे
शहर के युवा हिमांशु खोगल ने कहा कि फूड खाना चाहिए फेकना नहीं। उन्होंने कहा, मैंने कई पार्टी में फूड को बर्बाद होते हुए देखा है। इसलिए जब फूड ज्यादा हो जाता है तो उसे फेंकने की जगह जरूरतमंद लोगों को बांट देना चाहिए। इससे शायद उनकी मदद हो सकेगी, जिन्हें इसकी जरूरत है।

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