मधुरिमा राजपाल, भोपाल। नवरात्रि का पावन पर्व आने वाला है ऐसे में जहां बड़े-बड़े पंडालों में मां की मूर्तियां बनती हुई नजर आ जाती हैं तो वहीं दूसरी ओर अलग-अलग संस्थाओं द्वारा गरबा के भी आयोजन किया जाता है, जिसमें सैकड़ों की संख्या में महिलाओं द्वारा भाग लिया जाता है और इसकी रिहर्सल भी कई महीनों पहले से ही शुरु हो जाती है। गरबा एक प्रकार से मां की अराधना के साथ साथ समूह नृत्य का भी उम्दा माध्यम है। जिसमें फ्रेंड सर्कल रोजाना गरबा रिहर्सल के दौरान मिलते हैं और गरबा करते हैं। जिसमें ट्रेडिशनल के साथ-साथ वेस्टर्न लुक भी देखने को मिलता है।
डिफरेंट स्टाइल में गरबा के लिए ड्रेस कोड जरुरी
राजधानी भोपाल में भी गरबा का ट्रेंड जोरो पर है, जहां जगह जगह गरबा रिहर्सल देखी जा सकती हैं, तो वहीं गरबा रिहर्सल के लिए जाने वाली महिलाओं के ग्रुप भी अलग अंदाज में गरबा को इंजॉय करता है। इसके साथ ही इस इंजॉयमेंट में चार चांद महिलाओं के मेचिंग आउटफिट लगाते है।
कई बार ट्रेडिशनल तो कभी वेस्टर्न आउटफिट में गरबा
क्रेजी इनोवेटिव ग्रुप की सदस्य परी ने कहा कि हमारा ग्रुप कई सालों से यूं ही नवरात्रि उत्सव के लिए गरबा की तैयारी करता है और इसके लिए हम डिफरेंट स्टाइल में गरबा खेलते हैं। कई बार हम ट्रेडिशनल आउटफिट में गरबा करते हैं तो कभी वेस्टर्न आउटफिट में। वहीं वेस्टर्न आउटफिट के साथ यह ग्रुप गॉगल्स भी लगाकर गरबा को नया रुप दे देता है।
प्री डिसाइडेड गरबा अटायर
वहीं भोपाल की प्रिया, प्रेमलता और तनु ने कहा कि हमारा भी एक सोसायटी ग्रुप है जिसमें हम हर साल गरबा करते हैं और इस बार हमनें पहले ही डिसाइड किया कि रोजाना कौन से अटायर में गरबा करेंगे, तनु ने कहा कि इस बार हम रोजाना पिंक, व्हाइट, ग्रीन, ब्लू जैसी थीम पर गरबा करते हैं।
हर रविवार को होता है कलर थीम गरबा
वहीं भोपाल की पलक राजपूत का कहना है, हमारे गरबा संस्था का नाम राज गरबा है और हम हर रविवार को कलर थीम में गरबा करते हैं जहां पिछले रविवार हमनें ब्लैक कलर थीम रखी तो आने वाले रविवार की थीम रेड है।
वाइबेरंड कलर्स या फेस्टिव और इंडोवेस्टर्न ड्रेस कोड में गरबा
वहीं यश इंटरटेनमेंट के गरबा ग्रुप की महिलाओं ने कहा कि हमारे साथ लगभग सौ महिलाएं गरबा करेंगी और इसके लिए हम अलग अलग स्लॉट में गरबा प्रेक्टिस करते है और रविवार को हम सभी मिलकर गरबा करते है जिसके लिए वाइबे्रंड कलर्स या फेस्टिव और इंडोवेस्टर्न ड्रेस कोड में हम गरबा करते है।
कितने भी बिजी क्यों न हो, गरबा प्रेक्टिस में जरुर होते हैं शामिल
रश्मि गोल्या एवं ग्रुप का कहना है कि हमारे ग्रुप की खासियत है कि हम कितने भी बिजी क्यों न हो, लेकिन जब गरबा प्रेक्टिस शुरु होती है तो हमारा ग्रुप समय निकालक गरबा करता ही है। जिसमें हम मेचिंग आउटफिट में गरबा खेलते हैं। इन्होंने कहा कि हमने कई बार तो कई बार अपनी गरबा प्रेक्टिस के दौरान पारंपरिक ओढ़नी के साथ ऑक्सीडाइज्ड ज्वेलरी वियर करके भी गरबा किया है।