Indore-Pithampur Corridor: मध्य प्रदेश में इंदौर-पीथमपुर के बीच नया इकॉनोमिक कॉरिडोर बनाया जाना है। मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम (MPIDC) ने नोटिफिकेशन जारी किया है। 17 गांवों की 1,290.74 हेक्टेयर भूमि पर प्रस्तावित इस कॉरिडोर से उद्योग और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। बुधवार को सीएम मोहन यादव ने क्षेत्र के किसानों का आभार जताया।
किसानों को होगा यह फायदा
इंदौर एयरपोर्ट में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि किसान इंदौर-पीथमपुर इकॉनोमिक कॉरिडोर में अधिकतम विकसित भूमि आवंटित किए जाने की मांग की है। हमने किसानों की इस मांग को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया है कि इंदौर-पीथमपुर इकॉनोमिक कॉरिडोर में विकसित भूमि का 60% हिस्सा किसानों को आवंटित की जाएगी।
मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क बनेगा
इंदौर-पीथमपुर इकॉनोमिक कॉरिडोर कोडियाबर्डी, नैनोद, रिंजलाय, नावदा पंथ, बिसनावदा, सिन्दोड़ा, सिन्दोड़ी, श्रीराम तलावली, शिवखेड़ा, मोकलाय, नरलाय, डेहरी, भैंसलाय, सोनवाय, टीही, बागोदा और धन्नड़ जैसे गांव शामिल हैं। 3200 एकड़ के इस कॉरिडोर में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क भी शामिल है। इसके लिए 255 एकड़ जमीन चिह्नित है।
इंदौर-पीथमपुर इकॉनोमिक कॉरिडोर के फायदे
- मुख्यमंत्री मोहन यादव के इस निर्णय से किसानों को उनकी भूमि के बदले विकसित भूखंड मिलेंगे। जहां भविष्य में वह उद्योग-व्यापार खोल सकेंगे।
- कॉरिडोर से क्षेत्र के समग्र विकास को गति मिलेगी। स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और उद्योग व्यापार के मौके बढ़ेंगे।
- क्षेत्रीय विकास, अधोसंरचना निर्माण और किसानहित में इंदौर-पीथमपुर इकॉनोमिक कॉरिडोर मील का पत्थर साबित होने वाला है।
- इंदौर-पीथमपुर इकॉनोमिक कॉरिडोर मध्य प्रदेश के आर्थिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।