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Katni IPS-CSP Dispute: मध्य प्रदेश में तीन अफसरों का दिलचस्प विवाद सामने आया है। कटनी सीएसपी ख्याति मिश्रा के पति शैलेंद्र बिहारी शर्मा ने डीजीपी और प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।

Katni IPS-CSP Dispute: मध्य प्रदेश में तीन अफसरों का दिलचस्प विवाद सामने आया है। कटनी सीएसपी ख्याति मिश्रा के पति शैलेंद्र बिहारी शर्मा ने डीजीपी और प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कटनी एसपी अविजित रंजन पर ब्लैकमेल करने और परिवार तोड़ने की साजिश का आरोप लगाया है। कहा, उनकी पत्नी ख्याति मिश्रा का ट्रांसफर अन्य जिले में किया जाए। 

डीजीपी और सीएस को लिखे पत्र
कटनी सीएसपी ख्याति मिश्रा के पति डॉ. शैलेंद्र बिहारी शर्मा दमोह जिले के पटेरा में तहसीलदार हैं। डीजीपी और सीएस को लिखे पत्र में उन्होंने पत्नी ख्याति मिश्रा का तबादला सतना, रीवा या सीधी जिले में कराने की मांग की है। कहा, कटनी एसपी अविजित कुमार रंजन उनकी पत्नी को ब्लैकमेल कर रहे हैं। वह हमारा परिवार तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, ख्याति मिश्रा ने पति की इस शिकायत को आधारहीन बताया है। कहा, आरोपों में सच्चाई नहीं है। 

देवेंद्र शर्मा ने बताया जान को खतरा 
तहसीलदार शैलेंद्र बिहारी शर्मा के चाचा देवेंद्र शर्मा ने डीजीपी को पत्र लिखकर यह शिकायत की है। देवेंद्र जबलपुर हाईकोर्ट में वकील हैं। उन्होंने बताया कि कटनी एसपी अविजित कुमार रंजन उन्हें धमका रहे हैं। उनकी हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं। देवेंद्र शर्मा ने जान को खतरा बताते हुए उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। 

कलेक्टर ने बताया व्यक्तिगत मामला 
तहसीलदार ने शिकायत की प्रति दमोह कलेक्टर और एसपी को भी भेजी है। दमोह एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया, उनका शिकायती पत्र संबंधित अफसरों के पास भेजेंगे। वे सुरक्षा मांगेंगे तो नियमानुसार सुरक्षा दी जाएगी। दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर ने कहा, मामला व्यक्तिगत और पारिवारिक है। इस पर डीजीपी स्तर से ही निर्णय जाना संभव है। फिलहाल, तहसीलदार शैलेंद्र बिहारी छुट्टी पर हैं।  

एसपी रंजन बोले-
कटनी एसपी अविजित रंजन ने शैलेंद्र शर्मा के आरोपों को खारिज किया है। कहा, पत्र में कोई गंभीर आरोप नहीं हैं। इसे स्वेच्छाचारिता के आधार पर लिखा गया है। कहा, मैं न तो शैलेंद्र शर्मा से मिले हैं और न ही उनके अधिवक्ता से कोई बातचीत हुई। मामले में व्यापक और निष्पक्ष न्यायिक जांच की जानी चाहिए। ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके और सत्यता सामने आ सके। 

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