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मध्यप्रदेश के खरगोन की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट 50 वर्षीय पदमा राजौरा तिवारी की इंदौर के निजी अस्पताल में मौत हो गई। मजिस्ट्रेट ने टेस्टबेबी ट्यूब से नवजात बच्ची को जन्म दिया था। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई।

भोपाल। इंदौर के अस्पताल में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) पद्मा राजौरे की बच्ची को जन्म देने के बाद मौत हो गई। इंदौर की रहने वाली जज खरगोन में पदस्थ थीं। डिलीवरी के बाद तबीयत बिगड़ने पर उन्हें वेंटीलेटर पर रखा था।  राजौरा ने गर्भावस्था के दौरान भी न्यायालय में सेवाएं दी थीं। सीजेएम का शुक्रवार दोपहर राऊ में अंतिम संस्कार किया गया।

सीजेएम पद्मा राजौरे का इलाज खरगोन के निजी अस्पताल में चल रहा था। हालत गंभीर होने पर 10 जनवरी को उन्हें इंदौर रेफर किया गया। इंदौर में राजौरे ने बेटी को जन्म दिया। इसके बाद  राजौरे की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। गुरुवार दोपहर 2 बजे उनका इंदौर के सीएचएल अस्पताल में निधन हो गया।

टेस्ट ट्यूब बेबी का लिया इलाज
जानकारी के मुताबिक, बच्चे की चाह में CJM ने टेस्ट ट्यूब बेबी का इलाज लिया। शुरुआती दिनों में सब ठीक रहा। 8 जनवरी को उन्होंने मेडिकल लीव लिया। इसके बाद उन्हें डिलीवरी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। जिसके बाद उन्हें इंदौर रेफर किया गया, जहां उन्होंने एक बच्ची को जन्म दिया। डिलीवरी के बाद CJM की स्थिति और खराब होने लगी। आखिर में उनकी मौत हो गई।

पीलिया होने से शरीर में फैल गया था संक्रमण 
डॉक्टरों के मुताबिक, जज को पीलिया हो गया था, जिसके संक्रमण से तबीयत बिगड़ती चली गई। चार दिन तक उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया, लेकिन  उनकी जान नहीं बच पाई। बता दें कि पद्मा राजौरे 14 जुलाई 2021 को सीजेएम न्यायालय में न्यायाधीश के पद पर पदस्थ हुई थी।  महिला जज का जन्म 24 अक्टूबर 1973 को हुआ था। 

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