Logo
मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री का फैसला सोमवार शाम तक हो जाएगा। इसके लिए भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा नियुक्त प्रेक्षक (हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर, बीजेपी सांसद व ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लक्ष्मण और पार्टी नेता आशा लाकड़ा) भोपाल पहुंच चुके हैं।

भोपाल। मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री का फैसला सोमवार शाम तक हो जाएगा। इसके लिए भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा नियुक्त प्रेक्षक (हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर, बीजेपी सांसद व ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लक्ष्मण और पार्टी नेता आशा लाकड़ा) भोपाल पहुंच चुके हैं। शाम 3.50 बजे वह प्रदेश भाजपा कार्यालय में विधायक दल की बैठक करेंगे। बैठक को लेकर पार्टी के सभी 163 विधायकों को विशेष दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। बैठक में केन्द्रीय प्रेक्षक और पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ निर्वाचित विधायक ही शामिल हो सकेंगे। विधायकों के सुरक्षाकर्मी व सहयोगियों को बाहर ही रोक दिया जाएगा। मीडिया का प्रवेश भी प्रतिबंधित किया गया है। 

भाजपा कार्यालय के बाहर जश्न का महौल 
विधायक दल की बैठक को लेकर प्रदेशभर से भाजपा विधायकों के पहुंचने का दौर सुबह 10 बजे से ही शुरू हो गया था। कार्यालय में उनके पंजीयन की व्यवस्था की गई है। पंजीयन के बाद फोटो सेशन होगा। इसके बाद प्रेक्षक विधायकों की राय जानेंगे। जरूरत पड़ी तो मतदान भी कराया जा सकता है। केन्द्रीय प्रेक्षकों के साथ भाजपा प्रदेशध्यक्ष वीडी शर्मा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य वरिष्ठ विधायक भी पहुंचे। सीएम फेस माने जा रहे दिमनी विधायक व पूर्व केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र व नरसिंहपुर विधायक प्रहलाद पटेल भी पहुंचे। पार्टी के कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में इनके समर्थक भी मौजूद हैं। डोल-नगाड़ों के साथ जश्न भी बनाया जा रहा है। 

सीएम फेस के तौर पर यह नाम 
मप्र में मुख्यमंत्री चेहरे के तौर पर सीएम शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया व पार्टी के राष्ट्रीय महासिचव कैशला विजयवर्गीय का नाम लिया जा रहा है। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान व केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल की संभावना ज्यादा बताई जा रही है। हालांकि, विधायकों की राय जानने के बाद केन्द्रीय नेतृत्व कुछ भी निर्णय ले सकता है। 

यहां भी चुने जा सकते हैं उपमुख्यमंत्री 
मप्र में अब तक बनी भाजपा सरकारों में उप मुख्यमंत्री नहीं चुने जाते थे, लेकिन इस बार यहां भी यूपी व छत्तसीगढ़ की तर्ज पर डिप्टी सीएम चुने जाने की संभावना है। भाजपा आलाकमन इस व्यवस्था से प्रदेश की जातिगत राजनीति को साधाना चाहता है। कांग्रेस व इंडिया गठबंधन जिस तरीके से जातिगत जनगणना के मुद्दे को हवा दे रहा है, उसके जवाब में भाजपा उपमुख्यमंत्री वाली रणनीति सभी प्रदेशों में चल रही है। 
 

5379487