GIS 2025: मध्यप्रदेश अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथ अब व्यापार और निवेश के क्षेत्र में भी नई पहचान बना रहा है। राज्य सरकार ने व्यापारिक प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए कई दूरदर्शी सुधार लागू किए हैं। यह पहल राज्य को न केवल देश के भीतर, बल्कि वैश्विक निवेश मानचित्र पर भी प्रमुख स्थान दिला रही है। राज्य सरकार ने व्यापारिक माहौल को अनुकूल बनाने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम, डिजिटल एप्रूवल प्लेटफॉर्म और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी सेवाओं को लागू किया है।
इन नवाचारों ने प्रदेश को निवेशकों के लिए एक आकर्षक डेस्टिनेशन बना दिया है। ऑनलाइन पंजीकरण, लाइसेंसिंग और स्वीकृति प्रक्रियाओं के को त्वरित और पारदर्शी बनाया है। इससे उद्यमियों के लिए समय और लागत में भी उल्लेखनीय कमी आई है। 'स्टार्ट योर बिजनेस इन 30 डेज' योजना के तहत उद्योगों को आवश्यक 22 स्वीकृतियां सरल प्रक्रिया के तहत प्रदान की जा रही हैं।
औद्योगिक भूमि आवंटन में पारदर्शिता
भूमि आवंटन प्रक्रिया को पारदर्शी और त्वरित बनाकर निवेशकों को कम समय में औद्योगिक भूमि उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे परियोजनाओं के शीघ्र क्रियान्वयन में सहायता मिल रही है। भारत की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिग में सुधार में मप्र की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरवल ट्रेड से सुझाए गए सुधारों को राज्य ने सक्रिय रूप से अपनाया है, जिससे मप्र शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल हो गया है। कुल 2.432 जी 2 बी और जी 2 सी प्रक्रियाओं में सुधार कर व्यापारिक माहौल को और अधिक अनुकूल बनाया है।
राष्ट्रीय सिंगल विंडो सिस्टम से मप्र को जोड़ने के बाद निवेश प्रक्रिया और अधिक सरल और सुलभ हो गई है। मप्र समेत सभी राज्य के प्रयासों से भारत ने विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में 79 अंकों की छलांग लगाई। अब भारत के इस रैंकिग के टॉप-10 में पहुंचने की उम्मीद है। इस उपलब्धि में मध्यप्रदेश की प्रभावशाली भूमिका रही है।