Madhya Pradesh Liquor Policy: मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के 19 पवित्र क्षेत्रों में शराबबंदी के फैसले पर अमल शुरू हो गया है। इन क्षेत्रों में एक अप्रैल से शराब दुकानें बंद कर दी जाएंगी। इसके लिए शुक्रवार को अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। यह कदम धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के स्थानों की पवित्रता बनाए रखने, सामाजिक सुधार को प्रोत्साहित करने और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है। साथ ही, सरकार ने राजस्व संतुलन बनाए रखने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अन्य कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं।

इन 19 पवित्र क्षेत्र में बंद होंगी शराब दुकानें
राजभवन की ओर से जारी की गई अधिसूचना के अनुसार 19 पवित्र क्षेत्र में शराबबंदी की गई है, जिसमें उज्जैन नगर निगम, ओंकारेश्वर नगर पंचायत, महेश्वर नगर पंचायत, मंडलेश्वर नगर पंचायत, ओरछा नगर पंचायत, मैहर नगर पालिका, चित्रकूट नगर पंचायत, दतिया नगर पालिका, पन्ना नगर पालिका, मंडला नगर पालिका, मुलताई नगर पालिका, मंदसौर नगर पालिका, अमरकंटक नगर पंचायत, सलकनपुर ग्राम पंचायत, बरमान कला ग्राम पंचायत, लिंगा ग्राम पंचायत, बरमान खुर्द ग्राम पंचायत, कुंडलपुर ग्राम पंचायत और बांदकपुर ग्राम पंचायत शामिल हैं।

पवित्र स्थलों पर शराब की बिक्री पर प्रतिबंध
राजस्व संतुलन के लिए शराब की कीमतों में वृद्धि सरकार ने शराब की दुकानों के बंद होने से होने वाली राजस्व हानि की भरपाई के लिए अन्य जिलों में शराब की कीमतों में 25% तक की वृद्धि करने का प्रस्ताव रखा है। इससे राज्य को आवश्यक आय प्राप्त होगी और शराब की अधिक खपत को भी नियंत्रित किया जा सकेगा।

पीओएस मशीनों की अनिवार्यता
आबकारी विभाग ने सभी शराब दुकानों में पाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों का उपयोग अनिवार्य कर दिया है। इससे प्रत्येक बिक्री का रिकॉर्ड रखा जा सकेगा और काले धन पर रोक लगेगी। यह नीति शराब की बिक्री को अधिक पारदर्शी बनाने और राज्य सरकार के राजस्व में सुधार लाने में मदद करेगी।

रेस्तरां और कमर्शियल आयोजनों के लिए नई नीति
नई आबकारी नीति के तहत, रेस्तरां में शराब परोसने के लिए खुले क्षेत्र (ओपन एरिया) में फ्लोर एरिया बढ़ाने की अनुमति दी गई है। इससे रेस्तरां संचालकों की आय में वृद्धि होगी। इसके अलावा, बड़े व्यावसायिक आयोजनों के लिए लाइसेंस शुल्क को आयोजन स्थल के आकार और दर्शकों की संख्या के अनुसार निर्धारित किया जाएगा, जिससे आयोजकों को सुविधा मिलेगी और राज्य को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।

ई-बैंक गारंटी की अनिवार्यता
आबकारी विभाग ने शराब दुकानों के ठेकेदारों के लिए ई-बैंक गारंटी को अनिवार्य कर दिया है। एक अप्रैल 2025 से सभी ठेकेदारों को यह गारंटी देनी होगी, जो कम से कम 30 अप्रैल 2026 तक वैध रहेगी। यह गारंटी साइबर ट्रेजरी के माध्यम से जमा की जाएगी और केवल अधिकृत बैंकों से ही मान्य होगी। इस नीति का उद्देश्य ठेकेदारों की जिम्मेदारी तय करना और वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।