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एलकेजी के लिए अरुण और यूकेजी के लिए उदय नाम दिया गया है। अरुण और उदय कक्षाओं में 30-30 स्थान होंगे। संस्कृत कक्षाओं वाले इन स्कूलों को सर्वसुविधायुक्त और हाइटेक बनाने बनाया जाएगा।

MP News: मध्यप्रदेश के बच्चे संस्कृत का ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं। यहां के सरकारी स्कूलों में अब प्री-प्राइमरी से ही संस्कृत में पढ़ाई हो रही है। प्री-प्राइमरी में पूरा पाठ्यक्रम संस्कृत में होगा। वहीं प्राथमिक कक्षाओं से 12 वीं तक संस्कृत एक अनिवार्य विषय रहेगी। वर्तमान में मध्यप्रदेश बोर्ड के पाठ्यक्रम में 6वीं कक्षा से संस्कृत एक विषय के रूप में शामिल होता है जबकि 3 से 5 तक हिंदी की पाठ्यपुस्तक में एक पाठ संस्कृत में होता है।

अरुण और उदय से शुरूआत
एलकेजी के लिए अरुण और यूकेजी के लिए उदय नाम दिया गया है। अरुण और उदय कक्षाओं में 30-30 स्थान होंगे। संस्कृत कक्षाओं वाले इन स्कूलों को सर्वसुविधायुक्त और हाइटेक बनाने बनाया जाएगा। इसके लिए राज्य ओपन बोर्ड, डीपीआई और महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान करीब 20 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। राजधानी के शिवाजी नगर स्थित सरोजनी नायडू कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खोलने की योजना है।  जहां एलकेजी से ही संस्कृत भी पढ़ाई होगी।

इन जिलों में चल रही कक्षाएं
मध्य प्रदेश के दमोह, मंदसौर में सितंबर में कक्षाएं शुरू कर दी गई है। वहीं अलिराजपुर, बड़वानी, शाजापुर व इंदौर में नवंबर से प्री-प्राइमरी कक्षाओं में संस्कृत की पढ़ाई शुरू की गई है।

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