Wheat and flour price: मध्य प्रदेश में गेहूं और आटे की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। पिछले दो सप्ताह में गेहूं 8 फीसदी तक महंगा हो गया है। गेहूं के साथ आटे की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण के लिए एमपी की मोहन सरकार ने स्टाक लिमिट तय कर जमाखोरी पर रोक लगाने का महत्वपूर्ण प्रयास किया है। सरकार के इस निर्णय से आमजन को राहत की उम्मीद है।
ये है स्टाक लिमिट
मध्य प्रदेश खाद्य विभाग ने गेहूं भंडारण के लिए फुटकर, थोक कारोबारियों और मील संचालकों के लिए अलग अलग स्टॉक लिमिट तय की है। आदेश के मुताबिक, फुटकर व्यापारी 100 क्विंटल की जगह 50 क्विंटल गेहूं का स्टाक रख सकेंगे। जबकि, थोक व्यापारी और मिलर 20 हजार की जगह 10 हजार क्विंटल से अधिक गेहूं स्टॉक नहीं कर पाएंगे।
50 प्रतिशत तक घटाई भंडारण क्षमता
जिला आपूर्ति नियंत्रक मीना मालाकार ने बताया कि गेहूं अधिकतम स्टॉक सीमा 18 जनवरी को लागू की गई है। शनिवार (19 जनवरी) को यह प्रभावशील हो गई। मध्य प्रदेश में स्टॉक लिमिट पहले भी तय थी। मिलर्स और थोक कारोबारी 20 हजार क्विंटल गेहूं स्टाक कर सकते थे। अब इसमें बदलाव कर भंडारण क्षमता 50 प्रतिशत घटा दी गई है।
क्यों बढ़ रहीं गेहूं की कीमतें?
गेहूं प्रसंस्करण उद्योग से जुड़े लोगों की मानें तो गेहूं की कीमतें इसलिए बढ़ रही हैं, क्योंकि सरकार के पास पर्याप्त भंडारण नहीं है। ओपन मार्केट सेल्स स्कीम (OMSS) के तहत सरकार अधिक गेहूं बेचेगी। ताकि, कीमतें नियंत्रित की जा सकें। अनुकूल मौसम को देखते हुए सरकार को अच्छे पैदावार की उम्मीद है।
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MP में गेहूं और आटे की कीमतें
गेहूं की बढ़ती कीमतों का असर हर परिवार का पड़ रहा है। पिछले सप्ताह बाजार में सामान्य आटे की कीमतें 36 रुपए से 45 रुपए थीं, लेकिन अब वही आटा 40 रुपए से 50 रुपए किलो मिल रहा है। इसी तरह पिछले हफ्त 28-30 रुपए किलो बिकने वाला गेहूं अब 33 से 36 रुपए किलो तक बिक रहा है। ब्रांडेड ऑटे की कीमतें और ज्यादा हैं।