Neemuch uproar: मध्य प्रदेश के नीमच में बुधवार (22 जनवरी) को आधी रात बवाल हो गया। डोडाचूरा की तस्करी मामले की जांच करने पहुंची पुलिस को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। रात 12 बजे भारी पुलिस बल पहुंचा। पुलिसकर्मियों को छोड़ने को कहा तो लोग भड़क गए। विरोध करते हुए पुलिस पर पथराव किया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने लाठीचार्ज किया। आंसू गैस के गोले दागकर गांव वालों को खदेड़ा। पुलिस ने जैसे-तैसे अपने साथी पुलिसकर्मियों और दोनों वाहनों को ग्रामीणों के चंगुल से निकाला। पथराव में कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। घटना चौकड़ी गांव की है। कानून व्यवस्था बिगड़ने वालों पर पुलिस कार्रवाई करने की तैयारी में है।
जानिए क्यों हुआ बवाल
पुलिस ने दो दिन पहले सोमवार को मनासा थाना क्षेत्र के चौकड़ी गांव में कार्रवाई की थी। नीलेश (24) पिता श्यामलाल को 54.3 किलोग्राम डोडाचूरा के साथ गिरफ्तार किया था। डोडाचूरा तस्करी मामले में आगे की जांच के लिए पुलिस टीम आरोपी को लेकर बुधवार शाम को चौकड़ी गांव पहुंची। ग्रामीणों से पूछताछ करते उससे पहले ही लोगों ने पुलिस को घेर लिया। हालात भांपते हुए कुछ पुलिसकर्मी आरोपी को लेकर रवाना हो गए। दो गाड़ियों को ग्रामीणों ने रोक लिया। पुलिस वालों को बंधक बना लिया।
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उपद्रव करने वाले वालों पर केस
सूचना मिलते ही ASP नवल सिंह सिसोदिया, SDO विमलेश उइके कई थानों के पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। बंधक बने पुलिस वालों को छोड़ने को कहा तो लोगों ने पथराव कर दिया। पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागकर साथी पुलिसकर्मियों को छुड़ाया। पुलिस ने उपद्रव करने वाले कुछ नामजद और कुछ अज्ञात के खिलाफ प्रकरण दर्ज है। फिलहाल, गांव में शांति है। एएसपी नवल सिंह सिसोदिया का कहना है कि ग्रामीणों के पथराव में कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। जिनका मेडिकल करवाया जा रहा है। कानून व्यवस्था बिगड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
ग्रामीणों का आरोप: झूठे मामलों में फंसा रही पुलिस
ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस युवक को झूठे मामलों में फंसा रही है। मादक पदार्थ तस्करी के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। ग्रामीणों ने कहा कि पुलिस ने जिस युवक को पकड़ा था, उसके पास 30 किलो अवैध मादक पदार्थ था, लेकिन पुलिस ने उसकी मात्रा बढ़ाकर 54 किलो कर दिया। गांव वालों ने मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है।