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outsourced employees and workers News: मध्यप्रदेश के 35 लाख से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों और श्रमिकों के मानदेय में 25 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी होगी। बढ़े हुए वेतनमान का लाभ अप्रेल-2024 से मिलेगा।

outsourced employees and workers News: मध्यप्रदेश के 35 लाख से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों और श्रमिकों के लिए अच्छी खबर है। नए साल में उनके मानदेय में 25 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी संभव है। इंदौर हाईकोर्ट (Indore High Court) के आदेश के बाद श्रम विभाग ने पहल शुरू कर दी। 

एक माह ही मिल पाया बढ़ा हुआ वेतन 
न्यूनतम वेतन सलाहकार बोर्ड ने 2019 में कर्मचारियों और श्रमिकों के मानदेय में करीब 25 फीसदी बढ़ोत्तरी की सिफारिश की थी। सरकार ने 2024 में इसे लागू कर दिया। एक माह कर्मचारियों को बढ़ा हुआ वेतन भी मिला, लेकिन एमजी टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन (MG Textile Mills Association) की याचिका पर इंदौर हाईकोर्ट ने वेतनवृद्धि का आदेश स्थगित कर दिया था। 

MP सरकार के वकील ने दिया अभिमत
इंदौर हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद 3 दिसंबर 2024 को अपना स्टे हटा दिया। जिसक बाद श्रमिकों और कर्मचारियों का बढ़ा हुआ वेतन फिर बहाल करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। श्रम आयुक्त ने एमपी सरकार के वकील भुवन गौतम से अभिमत मांगा। जिस पर उन्होंने कहा है कि हाईकोर्ट ने उस स्टे को ही निरस्त कर दिया है, जिस आधार पर अधिसूचना का क्रियान्वयन स्थगित किया था। लिहाजा, आउटसोर्स कर्मचारियों और श्रमिकों को अप्रैल-2024 से ही न्यूनतम पुनरीक्षित वेतन मिलना चाहिए।  

एमजी टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन की याचिका खारिज 
दरअसल, मध्य प्रदेश न्यूनतम वेतन सलाहकार बोर्ड (Minimum Wage Advisory Board) ने आउट सोर्स कर्मचारियों और श्रमिकों के वेतन में 25 फीसदी बढ़ोत्तरी की सिफारिश की थी। बोर्ड की सलाह पर एमपी सरकार ने अप्रैल 2024 में वेतन बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया, लेकिन एमजी टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन की याचिका पर हाईकोर्ट ने वेतनवृद्धि अधिसूचना पर स्टे लगा दिया था। हालांकि, मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने यह स्टे आदेश निरस्त कर दिया है। 

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कर्मचारियों को 9 माह का एरियर भी मिलेगा 
इंदौर हाईकोर्ट (Indore High Court) के आदेश और सरकारी अधिवक्ता के अभिमत के बाद श्रम विभाग का आदेश जल्द जारी होने की उम्मीद है। न्यूनतम वेतन सलाहकार बोर्ड (Minimum Wage Advisory Board) की सिफारिशें 1 अप्रैल 2024 से लागू की गई हैं। इसलिए वेतनवृद्धि तभी से देनी पड़ेगी। कर्मचारियों और श्रमिकों को 9 महीने का एरियर भी देना होगा।

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क्या थीं न्यूनतम वेतन सलाहकार बोर्ड की सिफारिशें
डॉ. अनूप सतपथी की अध्यक्षता वाली समिति ने औसत न्यूनतम मजदूरी 375 रुपए प्रति दिन (9,750 रुपए प्रति माह) करने की सिफारिश की थी। सभी प्रांतों को 5 जोन में बांटकर अलग-अलग न्यूनतम मजदूरी की शिफारिश की थी। मध्य प्रदेश में यह प्रतिदिन 342 रुपए (8,892 रुपए प्रति माह) निर्धारित की गई थी। 

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