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पीसीसी चीफ जीतू पटवारी इन दिनों सरकार के कई मुद्दों को लेकर सरकार का घेराव करते नजर आ रहे हैं। आज बुधवार को पटवारी ने प्रधानमंत्री और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखा है। जिसमें किसानों के कई मुद्दों को लेकर बात की है।

MP News: पीसीसी चीफ जीतू पटवारी इन दिनों सरकार के कई मुद्दों को लेकर सरकार का घेराव करते नजर आ रहे हैं। आज बुधवार को पटवारी ने प्रधानमंत्री और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखा है। जिसमें किसानों के कई मुद्दों को लेकर बात की है। इस पत्र में मुख्यमंत्री के साथ ही प्रधानमंत्री से भी कई सवाल किए हैं। 

पीसीसी चीफ ने पत्र में लिखा
मध्य प्रदेश सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की तैयारी शुरू कर दी है। गेहूं के लिए 05 फरवरी से पंजीयन शुरू होंगे, जो कि 01 मार्च तक चलेंगे। इसके बाद 15 मार्च से खरीदी शुरू होने की संभावना है। आपकी सरकार के द्वारा किसानों को बताया जा रहा है कि रबी विपणन वर्ष 2023-24 समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु कृषक पंजीयन का कार्य ई-उपार्जन पोर्टल पर 05 फरवरी से 01 मार्च तक होगा। किसान समिति/समूह स्तरीय पंजीयन केंद्र पर उपस्थित होकर भी पंजीयन करवा सकते हैं।

इसके अलावा पंजीयन केंद्र पर भीड़ से बचने के लिए कृषक स्वयं के मोबाइल से भी एमपी किसान एप, ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत व तहसील सुविधा केंद्र में से किसी भी विकल्प से निःशुल्क अथवा अधिकृत एमपी ऑनलाइन, सीएसससी, लोक सेवा केंद्र व निजी साइबर कैफे के माध्यम से सशुल्क पंजीयन करवा सकते हैं। अधिकतम शुल्क राशि 50 रुपए ही निर्धारित है। गेहूं पंजीयन गिरदावरी में दर्ज फसल और रकबे एवं भू-अभिलेख में दर्ज किसान के नाम के आधार पर होगा। सफल पंजीयन की जानकारी एसएमएस के माध्यम से प्राप्त होगी, जिसका प्रिंट भी निकाला जा सकता है।

पंजीयन में इस वर्ष यह आवश्यक है कि कृषक का सही मोबाइल नंबर व बैंक खाते आधार कार्ड से लिंक रहे, यह कार्य सभी कृषक पंजीयन से पूर्व ही सुनिश्चित कर लें, जिससे फसल उपार्जन के समय कठिनाई का सामना न करना पड़े। साथ ही अपने बैंक खाते को आधार से लिंक भी करवा लें, जिससे भुगतान में कठिनाई न हो!

पटवारी ने सीएम को लेकर कहा
मुख्यमंत्री जी आपके द्वारा की गई सभी तैयारियों के लिए मैं आपको इसलिए बधाई देता हूं कि आपने किसानों की परेशानियों को समझते हुए इस बार व्यापक व्यवस्थाएं की हैं! लेकिन, मुझे आश्चर्य भी हो रहा है कि इतनी तमाम तैयारियों के बीच आपकी सरकार यह कैसे भूल गई है कि इस साल से गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रुपए प्रति क्विंटल देना है! क्योंकि, “मोदी जी के गारंटी” और भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रुपए प्रति क्विंटल ही निर्धारित किया गया था! 

बीते विधानसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा के छोटे से लेकर बड़े नेताओं ने गांव-गांव जाकर किसानों को इस बात का विश्वास दिलाया था कि भाजपा सरकार बनने के बाद गेहूं उत्पादक किसानों की सुविधाओं और अधिकारों का पूरा ध्यान रखा जाएगा! भाजपा की "डबल इंजन" सरकार पर विश्वास करने वाला किसान अब यह जानने के लिए बहुत उत्सुक है कि घोषित समर्थन मूल्य का निर्देश कब जारी होगा? 

मुख्यमंत्री जी, कहीं ऐसा तो नहीं कि आपकी सरकार धान की तरह अब गेहूं उत्पादक किसानों के साथ भी वादाखिलाफी की नीयत बना चुकी है? क्योंकि, मैंने गेहूं की तरह धान की खेती करने वाले किसानों से जुड़े सवालों पर भी आपकी सरकार का ध्यान आकृष्ट किया था! यह भी बताया था कि धान की खरीदी 19 जनवरी से बंद हो गई! किसान इंतजार करते रहे, लेकिन आपकी सरकार ने ₹3100 प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य नहीं दिया गया! जबकि भाजपा ने चुनावी घोषणा पत्र में भी किसानों की इस मांग को "मोदी की गारंटी" का नाम दिया था! उसके बाद भी आपने किसानों का भरोषा तोड़ा।

मध्यप्रदेश में साल 2022-23 में लगभग 46 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी की गई थी। साल 2023-24 में भी प्रदेश में इसी लक्ष्य के साथ धान की खरीदी की गई! लगभग 8 लाख किसानों ने धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन भी करवाया! ₹2183 प्रति क्विंटल के हिसाब से धान बेचने वाले मप्र के लाखों किसान अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं! किसानों का आरोप है कि MP में अब "मोदी की गारंटी" का भी कोई मोल नहीं है!

पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ ने धान खरीदी के बाद, किसानों को बोनस देना भी शुरू कर दिया! मेरा पुनः अनुरोध है कि अपने मध्य प्रदेश के किसानों को भी तत्काल बोनस दिया जाए! आपकी जानकारी के लिए मैं यह बताना भी चाहता हूं कि लगभग 46 लाख टन धान खरीदने के बाद यदि ₹900 प्रति क्विंटल के हिसाब से सरकार किसानों को बोनस देगी, तो करीब 400 करोड़ रुपए की मदद किसानों को मिल सकती है!

जीतू पटवारी ने लिखा कि मैं यह उम्मीद भी करता हूं आपकी सरकार गेहूं उत्पादक किसानों को इस बात के लिए आश्वस्त कर देगी कि उनकी मेहनत को इस वर्ष 2700 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से ही सम्मानित किया जाएगा! मुझे पूरा विश्वास है आप किसानों की गंभीर स्थिति को देखते हुए सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण से विचार करेंगे।

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