Saurabh Sharma Case: लोकायुक्त पुलिस की हिरासत में सौरभ शर्मा, चेतन और शरद को छह दिन हो चुके हैं, और कल यानी मंगलवार (4 फरवरी) उनकी 7 दिन की रिमांड समाप्त हो जाएगी। लेकिन सबसे बड़ा सवाल अब भी बना हुआ है कि 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए नकद किसके हैं? पुलिस अभी तक आरोपियों से असली सच्चाई उगलवाने में नाकाम साबित हुई है। ऐसे में अब देखना होगा कि रिमांड खत्म होने के बाद इस मामले में आगे क्या होगा।

आरोपियों ने घोटाले की असली सच्चाई नहीं बताई
लोकायुक्त पुलिस ने लगातार पूछताछ की, लेकिन सौरभ, चेतन और शरद ने अभी तक इस बड़े घोटाले की असली सच्चाई नहीं बताई। जांच एजेंसी अब तक यह पता नहीं कर पाई कि यह पैसा और सोना आखिरकार किसका है और यह कहां से आया?

शिकायत के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई?
ग्वालियर के वकील संकेत साहू ने 29 जनवरी को लोकायुक्त और डीजीपी से शिकायत की थी कि सौरभ शर्मा अकेला नहीं है, बल्कि उसके साथ 10 बड़े नाम और जुड़े हुए हैं। यह आरोप लगाया गया कि पूरे प्रदेश को अलग-अलग हिस्सों में बांटकर अवैध वसूली की जाती थी। इतना ही नहीं, इन 10 लोगों में से 5 के नाम तक शिकायत में दिए गए थे, लेकिन लोकायुक्त अब तक इन लोगों तक नहीं पहुंच पाई।

मंत्री, विधायक और अफसरों की मिलीभगत से हुआ घोटाला?
सूत्रों के मुताबिक, इस रैकेट में कुछ मौजूदा मंत्री, पूर्व मंत्री, विधायक और बड़े अफसरों का भी नाम शामिल हो सकता है। इस पूरे मामले में लोकायुक्त की जांच पर भी सवाल उठ रहे हैं।

अब आगे क्या होगा?
कल रिमांड खत्म होते ही लोकायुक्त पुलिस को सौरभ, चेतन और शरद को कोर्ट में पेश करना होगा। अब देखना होगा कि कोर्ट में इन तीनों के बयान क्या होते हैं और लोकायुक्त इस मामले में आगे क्या कार्रवाई करती है?