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मध्यप्रदेश के जबलपुर में बवाल मच गया। 5 मिनट देरी से स्कूल पहुंचे बच्चों को बाहर कर मेन गेट पर ताला लगा दिया। सूचना मिलते ही परिजन पहुंचे और स्कूल में हंगामा मचा दिया। 300 से ज्यादा बच्चे एक घंटे तक बैग लेकर बाहर खड़े रहे।

Jabalpur News: 5 मिनट देरी से स्कूल पहुंचे बच्चों को बाहर कर मेन गेट पर ताला लगा दिया। 300 से ज्यादा बच्चे एक घंटे तक बैग लेकर बाहर खड़े रहे। कुछ बच्चे डरकर रोने लगे। सूचना पर परिजन पहुंचे और स्कूल में हंगामा मचा दिया। पालकों ने स्कूल के इस एक्शन को गलत बताया तो मैनेजमेंट ने TC देने की धमकी दे डाली। हंगामे के बाद 8:30 बजे बच्चों को क्लास में जाने दिया। मामला जबलपुर के पोलीपाथर स्थित सेंट अलॉयसियस स्कूल का है। 

जानें पूरा मामला 
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को स्कूल प्रबंधन ने 10:57 मिनट पर मैसेज भेजा कि 31 जुलाई से सुबह 7:20 बजे मेन गेट बंद हो जाएगा। इसके बाद आने वाले बच्चों को स्कूल के अंदर एंट्री नहीं मिलेगी। बुधवार को जब बच्चे स्कूल पहुंचे, तो मेन गेट बंद न करते हुए कैंपस का वो गेट बंद कर दिया, जहां से बच्चे क्लास रूम में जाते हैं। करीब 300 बच्चे ग्राउंड में खड़े हो गए। एक घंटे तक बच्चे बाहर खड़े रहे।  सूचना पर परिजन पहुंचे और हंगामा किया तब बच्चों को क्लास में जाने दिया।

प्रिंसिपल पर दर्ज है केस 
बता दें कि सेंट अलॉयसियस स्कूल की प्रिंसिपल सोमा जॉर्ज के खिलाफ अवैध फीस वसूली, यूनिफॉर्म और बुक्स की बिक्री के मामले में ग्वारीघाट थाने में केस दर्ज है। प्रिंसिपल को जेल भी भेजा गया था। कुछ दिन पहले ही सोमा जमानत पर बाहर आई हैं। कलेक्टर का कहना है कि इस तरह मनमानी करेंगे तो स्कूल की मान्यता रद्द करने के लिए अनुमोदन किया जाएगा। 

7.20 बजे है स्कूल का टाइम 
क्लास रूम जाने से रोका तो बच्चे रोने लगे। पेरेंट्स का कहना है कि जिला प्रशासन की कार्रवाई के बाद स्कूल प्रबंधन बौखलाया हुआ है। बता दें कि सेंट एलॉयसियस स्कूल पोलीपाथर में ढाई हजार बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल का समय सुबह 7:20 बजे है। देरी से पहुंचने वाले बच्चों को असेंबली में शामिल होने नहीं दिया जाता। तीन बार कंटीन्यू लेट होने पर 10 रुपए फाइन भी वसूला जाता है।

11 स्कूलों पर कलेक्टर ने की थी कार्रवाई 
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने दो महीने पहले 11 प्राइवेट स्कूलों पर 81.30 करोड़ रुपए अभिभावकों को वापस कराए। 51 स्कूल संचालकों और प्रिंसिपल के खिलाफ अलग-अलग थानों में केस भी दर्ज किया गया था। सेंट एलॉयसियस पोलीपाथर की फीस 7.40 लाख रुपए में 2.80 लाख रुपए की कमी करवाई थी।

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