Vipassana shivir Bhopal: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में तीन जून से विपासना शिविर शुरू हो रहा है। कैंप में एमपी सहित सात राज्यों के युवा सात दिन तक मोबाइल से दूर रहेंगे। बच्चों को मौन व्रत भी धारण करवाया जाएगा, ताकि वो आत्म चिंतन कर सकें। बच्चों को मानसिक तनाव, मन एकाग्रता, आत्म निरीक्षण करने की प्रक्रिया सिखाई जाएगी। शिविर में आत्मा की शुद्धि की जाती है। मन का तनाव और अशांति भी दूर होती है। 

केरवा डैम में 10 जून तक चलेगा शिविर 
विपासना शिविर 3 से 10 जून तक बालकों के लिए शुरू हो रहा है। केरवा डैम में लगने वाले शिविर के लिए 55 बालकों का चयन किया गया है। शिविर के लिए देशभर से 150 आवेदन प्राप्त आए थे।  इसमें गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश के युवा शामिल हैं। शिविर 15 से 19 साल तक के बालकों के लिए लगाया जा रहा है। शिविर केवल लड़कों के लिए ही है।  

रहना और खाना भी फ्री
संस्थान के सेवक प्रकाश गेडाम ने बताया कि विपासना केंद्र का कोर्स निशुल्क होता है। यहां भोजन के साथ रहने की सुविधा भी मुफ्त में दी जाती है। यह सालों पुरानी ध्यान करने की प्रक्रिया है। विपासना केंद्र में हर महीने शिविर का आयोजन करता है। टीन एज बालक और बालिकाओं के लिए साल में एक बार अलग-अलग बैच में शिविर लगाया जाता है। इस शिविर में बालिक-बालिकाओं को मानसिक तनाव, मन एकाग्रता, आत्म निरीक्षण करने की प्रक्रिया सिखाई जाती है।

सात दिन मौन, मोबाइल हो जाता है जमा
शिविर में आने वाले युवाओं को सात दिन तक मोबाइल फोन और अन्य साधनों से दूर रखा जाता है। शिविर के दौरान बच्चों को मौन व्रत धारण करवाया जाता है। साथ ही अन्य योग आसन भी सिखाए जाते हैं। इन सात दिन फोन और अन्य गैजेट से दूर रखा जाएगा। ताकि वो आत्म चिंतन कर सके। ऐसा करने से बच्चों के जीवन में काफी सुधार आता है। 

कई आईएएस और आईपीएस ले चुके लाभ
प्रकाश गेडाम ने बताया कि विपासना 2500 से भी ज्यादा पुरानी ध्यान करने की विधि है। इसकी मदद से आत्म निरीक्षण, आत्मा की शुद्धि की जाती है। विपंसना ध्यान की मदद से विचार शुद्ध होते हैं। स्मरण शक्ति बढ़ती है, मानसिक विकास होता है साथ ही भावनाओं पर नियंत्रण पाया जा सकता है। मन का तनाव और अशांति भी दूर होती है। भोपाल में इसकी शुरुआत 2009 में प्रशासन अकादमी से हुई थी। जहां कई आईएएस और आईपीएस इस शिविर का लाभ ले चुके हैं।

22 से 29 मई तक बालिकाओं का लगा था शिविर 
बता दें कि इससे पहले 22 से 29 मई तक बालिकाओं के लिए शिविर लगाया गया था। शिविर में 15 से 19 तक लड़कियों को शामिल किया गया था। 53 बालिकाओं ने सात दिन तक मोबाइल से दूर रहकर ध्यान लगाया था। बता दें कि विपासना ध्यान से पढ़ाई में एकाग्रता आती है। मन विचलित नहीं होता है। व्यक्ति में सकारात्मक बदलाव देखने मिलता है। शिविर गुस्से पर नियंत्रण, तनाव से मुक्ति और एकाग्रता के लिए बेहतरीन होता है।