Mahayuti Vs Maha Vikas Aghadi: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों की तैयारी जोरों पर है। महायुति और महा विकास अघाड़ी ने जनता को लुभाने के लिए अपने घोषणापत्र पेश किए हैं। दोनों पक्ष अपनी उपलब्धियों का बखान कर रहे हैं। महायुति का दावा है कि उन्होंने महा विकास अघाड़ी के मुकाबले हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन किया है। जनता के बीच चर्चा है कि महायुति ने अपने कार्यकाल में "विकास क्रांति" लाने का काम किया है।
महिला सशक्तिकरण के लिए अनोखी पहल
महायुति सरकार ने महिला कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इनमें ‘माझी लाडकी बहिण’ योजना के तहत महिलाओं को प्रति माह ₹1,500 की सहायता राशि दी जा रही है। इसके अलावा लाडकी लक्ष्मी योजना के तहत लड़कियों के लिए मुफ्त उच्च शिक्षा और अन्नपूर्णा योजना के जरिए हर महिला को साल में तीन मुफ्त गैस सिलेंडर। जबकि महिला कल्याण के ऐसे कदम महा विकास अघाड़ी के शासन में देखने को नहीं मिले।
किसानों और युवाओं के लिए लाभकारी योजनाएं
महायुति सरकार ने किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान करने के लिए कई योजनाएं लागू कीं। जिसमें ‘किसान सम्मान योजना’ में ₹500 का राज्य अनुदान जोड़ा गया। जबकि फसल बीमा ₹1 में और मुफ्त बिजली के लिए ₹14,000 करोड़ का प्रावधान किया गया। वहीं युवाओं के लिए 'सारथी' और 'बार्टी' जैसी योजनाएं शुरू की गईं। 75,000 सरकारी नौकरियों की भर्ती और 1 लाख उद्यमियों को प्रोत्साहन महायुति की रोजगार रणनीति का हिस्सा है।
स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में क्रांतिकारी कदम
'बालासाहेब ठाकरे आपला दवाखाना' योजना के तहत मुफ्त चिकित्सा जांच शुरू की गई। वहीं ‘महात्मा फुले जन आरोग्य योजना’ के तहत बीमा कवरेज ₹1.5 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख किया गया। जबकि धारावी पुनर्विकास परियोजना को गति दी गई।
विदेशी निवेश और विकास दर में सुधार
महायुति सरकार ने महाराष्ट्र की जीडीपी वृद्धि दर को 8.5% तक पहुंचाया। जबकि महा विकास अघाड़ी के 26.83% के मुकाबले, महायुति सरकार में एफडीआई हिस्सेदारी 37% रही। वहीं महायुति सरकार ने गरीबों के लिए 10.52 लाख घर बनाए गए।
प्राकृतिक आपदाओं और रोजगार मेलों में दोहरी मदद
महायुति सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं में राहत के लिए ₹16,309 करोड़ दिए, जो महा विकास अघाड़ी के ₹8,701 करोड़ से कहीं अधिक है। 1,138 रोजगार मेले आयोजित किए गए, जिनमें 1.5 लाख युवाओं को नौकरी मिली।