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राजस्थान की बहुचर्चित यूनिवर्सिटी JNVU के कुलपति केएल श्रीवास्तव ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। ABVP के छात्रों के प्रदर्शन के दौरान जब छात्रसंघ के पदाधिकारी नहीं माने तो कुलपति ने अपने पीए को बुलाकर इस्तीफा लिख दिया।

JNVU protested : राजस्थान की बहुचर्चित यूनिवर्सिटी JNVU के कुलपति केएल श्रीवास्तव ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। ABVP के छात्रों के प्रदर्शन के दौरान जब छात्रसंघ के पदाधिकारी नहीं माने तो कुलपति ने अपने पीए को बुलाकर इस्तीफा लिख दिया। इस्तीफा के बाद जब वे सरकारी कार से जाने लगे, छात्रों ने फिर विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद वे कार से उतर पैदल ही घर के लिए रवाना हुए।

क्या है मामला
यह मामला सुबह लगभग 12 बजे का है। एबीवीपी के छात्रों ने 74 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था। इस दौरान ABVP के प्रांत सहमंत्री सचिन राजपुरोहित, इकाई सह सचिव यश शर्मा के नेतृत्व में छात्रों ने वीसी श्रीवास्तव की कार का घेराव कर दिया। कुलपति ने कार से नीचे उतर कर प्रदर्शनकारियों से ऑफिस की तरफ चलने को कहा और कुलपति भी स्टूडेंट के साथ कार से उतर पैदल ऑफिस तक पहुंचे।

छात्रों ने ऑफिस पहुंचे कुलपति के गेट के बाहर घेराव कर नारे लगाना शुरू कर दिया। कुलपति ने ऑफिस में बुलाकर बातचीत करने को कहा लेकिन कोई स्टूडेंट बात सुनने को तैयार नहीं हुआ। छात्रों का कहना था कि यूनिवर्सिटी में विभिन्न मांगों को लेकर दो महीने से चक्कर काट रहे हैं, कोई समाधान नहीं मिलता है। हर बार ऑफिस में ले जाकर मामला शांत करवा देते हैं। इसलिए स्टूडेंट ऑफिस के बाहर बात करने को लेकर अड़े गए।

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कुलपति करीब 12:30 बजे तक विद्यार्थियों को समझाइश देते रहे लेकिन वे सुनने को तैयार नहीं हुए तो स्टूडेंट पर चिल्लाने लगे। उनका यह रवैया स्टूडेंट को पसंद नहीं आया और इस पर दोबारा विरोध शुरू कर दिया। कुलपति भी इस विरोध से नाराज होकर ऑफिस के बाहर जमीन पर बैठ गए और पीए से डॉक्यूमेंट्स मंगवा सभी बच्चों के सामने राजभवन के नाम का इस्तीफा अपने पीए को सौंप दिया।

कुलपति कई बार आ चुके हैं विवादों में
कुलपति केएल श्रीवास्तव पर इससे पहले आरोप लगा था कि अपने चहेते प्रोफेसरों को रिटायरमेंट के बाद भी उनकी कार्यकाल की अ​वधि बढ़ाने, गोपनीय शाखा की गोपनीयता भंग करने और नियम विरूद्ध एग्जाम फीस बढ़ाने को लेकर विवादों में आ चुके हैं। इनके पदभार ग्रहण के बाद से ही कई विवाद सामने आए, जो राजभवन तक पहुंचे। बताया जा रहा है कि राजभवन से भी कुलपति को लेकर नाराजगी जाहिर की गई थी।

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