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Satta king: राजस्थान की करौली पुलिस ने बुधवार (25 दिसंबर) को बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने 10 माह से फरार सट्टा किंग ( Satta king) और उसके साथी को गिरफ्तार किया है। सटोरिया ने पुलिस के सामने कई चौंकाने वाले राज उगले हैं।

Satta king: राजस्थान पुलिस सटोरियों को ढूंढ-ढूंढ कर दबोच रही है। करौली पुलिस ने बुधवार (25 दिसंबर) को बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने 10 माह से फरार सट्टा किंग ( Satta king) और उसके साथी को गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया हिस्ट्रीशीटर बदमाश टॉप-10 अपराधियों की सूची में शामिल है। 5000-5000 के इनामी सटोरियों पर 14 केस दर्ज हैं। शातिर बदमाशों ने पूछताछ में पुलिस के सामने कई राज उगले हैं। पुलिस अब सटोरियों के पूरे नेटवर्क की तलाश कर रही है। 

सट्टा किंग पर अलग-अलग थानों में 14 केस दर्ज 
राजस्थान के करौली में जुए-सट्टे का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। हिंडौन सिटी में अवैध रूप से सट्टे का कारोबार चलाने वाला सट्टा किंग राधामोहन प्रजापत और उसके सहयोगी बनैसिंह प्रजापत 10 माह से फरार हैं। दोनों शातिर अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने 5000-5000 का इनाम घोषित किया लेकिन फिर भी दोनों पकड़ में नहीं आए। हिस्ट्रीशीटर राधामोहन पर अवैध जुआ-सट्टा खेलने के 14 केस अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। इतना ही नहीं हिस्ट्रीशीटर बदमाश टॉप-10 अपराधियों की सूची में भी शामिल है।

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पुलिस ने जाल बिछाकर दोनों को किया गिरफ्तार
हिंडौन सिटी कोतवाली थाना पुलिस को बुधवार को सूचना मिली कि दोनों शातिर सटोरिया गुजरात में छिपे हैं। सूचना मिलते ही थानाधिकारी हरलाल मीणा ने पुलिस टीम गठित कर गुजरात के लिए रवाना की। पुलिस गुजरात पहुंची तो राधा मोहन और उसके साथी को भनक लग गई। पुलिस के आने की सूचना मिलते ही दोनों बदमाश स्लीपर बस से जयपुर के लिए रवाना हो गए। दोनों के जयपुर की ओर भागने की जानकारी कांस्टेबल पालवेन्द्र को लग गई। 

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पुलिसकर्मियों की सतर्कता से पकड़े गए सटोरिया
सूचना मिलने के बाद एएसआई ओमीराय ने अपनी टीम के साथ बदमाशों का पीछा किया। अजमेर के बायपास पर पहुंचे ही थे कि पुलिस ने स्लीपर बस को रोका और राधा मोहन प्रजापत को किशनगढ़ से गिरफ्तार किया। बनैसिंह प्रजापत को पुलिस ने जयपुर में दबोचा। कार्रवाई में एएसआई ओमी राय, पालवेन्द्र, जितेंद्र सिंह और अन्य पुलिसकर्मियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।  

(Disclaimer: देश में सट्टेबाजी गैर-कानूनी है। यह आर्थिक जोखिमों के आधीन है। इसमें लत लगना स्वाभाविक है। हरिभूमि डिजिटल किसी भी प्रकार की सट्टेबाजी और हार-जीत के दावों को प्रमोट नहीं करता है) 

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