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Devli Uniara Election Violence: टोंक उपचुनाव वोटिंग के दौरान एसडीएम को थप्पड़ मारने वाले स्वतंत्र प्रत्याशी नरेश मीणा को पुलिस ने गुरुवार सुबह गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले टोंक के समरावता गांव में पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी हुई।

Devli Uniara Election Violence: राजस्थान के टोंक में बवाल मचा है। देवली-उनियारा विधानसभा में उपचुनाव की वोटिंग के बीच हुआ विवाद बढ़ता ही चला गया। बुधवार (13 नवंबर) दोपहर को निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने SDM अमित चौधरी को थप्पड़ जड़ा। इसके बाद नरेश मीणा समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हुई। नरेश मीणा को उसके समर्थक छुड़ा ले गए। नरेश मीणा काे सरेंडर करने के लिए कहा गया। मीणा ने सरेंडर नहीं किया।

आखिरकार गुरुवार को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले टोंक के समरवता गांव में रात भर हंगामा चलता रहा। इसके बाद नरेश मीणा के समर्थकों ने हाईवे जाम करने की कोशिश की। हाईवे पर टायर जलाए। हालांकि, पुलिस ने सभी को वहां से हटा दिया। सिलसिलेवार ढंग से जानें, कब, क्या और कैसे हुआ। 
 

कैसे शुरू हुआ विवाद
बुधवार (13 नवंबर) दोपहर को निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने SDM अमित चौधरी को थप्पड़ जड़ा। कुछ देर बाद नरेश के समर्थक मतदान केंद्र के सामने धरने पर बैठे। पुलिस बूथ के सामने से भीड़ को हटाने पहुंची तो समर्थकों ने पथराव कर दिया। देखते ही देखते कई गाड़ियों में आग लगा दी। पुलिस ने लोगों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। पथराव में 10 से ज्यादा पुलिसकर्मियों समेत कई लोग चोटिल हो गए। देर रात एरिया में इंटरनेट बंद कर दिया गया। गुरुवार सुबह एसटीएफ ने समरावता में गश्त की। 

नरेश मीणा vs RAS अफसर
इस विवाद के बाद पूरा मामला इंडिपेंडेंट कैंडिडेट नरेश मीणा और राजस्थान के आरएस अफसरों में ठन गई है। एक ओर जहां देवली-उनियारा के ग्रामीण नरेश मीणा के पक्ष में नजर आ रहे हैं। दूसरी ओर राज्य के सभी RAS अफसर और पूरा प्रशासनिक अमला नरेश मीणा के खिलाफ नजर आ रहा है। जहां पुलिस-प्रशासन नरेश मीणा की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ा थे, वहीं ग्रामीण नरेश मीणा को संरक्षण दे रहे थे। कुछ ग्रामीणों ने पुलिस पर गांव में घुसकर लोगों के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया है। 

पुलिस हिरासत से नरेश मीणा को छुड़ा ले गए ग्रामीण
पुलिस ने नरेश मीणा को बुधवार की रात हिरासत में ले लिया। हालांकि, ऐन वक्त पर मीणा के समर्थक वहां पहुंच गए और मीणा को छुड़ाकर ले गए। गुरुवार सुबह नरेश मीणा फिर गांव पहुंचे। पुलिस पर दुर्व्यवहार के आरोप लगाए। मीणा ने कहा कि मैं गिरफ्तारी देने को तैयार हूं लेकिन पुलिस ने मेरे साथ भी अन्याय किया है। नरेश मीणा ने कहा कि "मैं भागने वालों में नहीं हूं, गिरफ्तारी देने को तैयार हूं।" इसके बाद मीणा के समर्थकों में और आक्रोश फैल गया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई।

अब तक 60 की गिरफ्तारी, सैंकड़ों गांव छोड़कर भागे
पुलिस ने बुधवार रातभर समरावता और आसपास के इलाकों में दबिश दी। अब तक 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुई झड़प भी हुई। इस बवाल में 50 से ज्यादा ग्रामीण और पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनकी गाड़ियों में आग लगा दी। कई बच्चों को भी हिरासत में ले लिया।  प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, पुलिस की दबिश के बाद समरावता गांव में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। कई ग्रामीण तालाब में कूदकर बचने की कोशिश करते नजर आए। वहीं 100 से ज्यादा लोग गांव छोड़कर भाग गए हैं। 

RAS एसोसिएशन की पेन डाउन हड़ताल की चेतावनी
एसडीएम पर हुए हमले के बाद राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) एसोसिएशन ने कड़ी आपत्ति जताई है। आरएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर खराड़ी ने कहा, "जब तक नरेश मीणा की गिरफ्तारी नहीं होती और अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जाती, तब तक सरकारी कामकाज का बहिष्कार किया जाएगा।" सचिवालय में आरएएस अफसरों ने पेन डाउन हड़ताल कर दी। प्रशासनिक अफसरों ने गांधी प्रतिमा पर इकट्ठे होकर अपनी मांगें रखी। इसके साथ ही तहसीलदार सेवा परिषद, पटवार संघ और सचिवालय कर्मचारी संघ ने भी गिरफ्तारी की मांग की।

ग्रामीणों में आक्रोश, कई परिवारों के सदस्य लापता
समरावता गांव में बुधवार रात को हुई हिंसा से ग्रामीणों में भय का माहौल है। गांव के 60-70 युवक लापता बताए जा रहे हैं। धानू गांव निवासी विनोद मीणा ने आरोप लगाया कि पुलिस ने घर में घुसकर मारपीट की और उनके हाथ-पैर में फ्रैक्चर हो गया। पूजा मीणा ने बताया कि उसका भाई रवि रात से लापता है। पुलिस की लाठीचार्ज में वह और उसकी मां भी घायल हुईं, जिसमें उसकी मां के हाथ पर टांके आए हैं। पुलिस के एक्शन पर ग्रामीणों ने नाराजगी जाहिर की।

प्रशासन ने बढ़ाई सुरक्षा, रातभर की दबिश
घटनास्थल पर आईजी ओमप्रकाश पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया है।  निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा समेत अन्य पर केस दर्ज किया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन द्वारा गांव को उनियारा से नगर फोर्ट तहसील में स्थानांतरित करना उनके विरोध का कारण बना हुआ है, जिससे नाराज ग्रामीण चुनाव में मतदान का बहिष्कार कर रहे थे।

तहसील स्थानांतरण बना तनाव का कारण
समरावता गांव को उनियारा से नगर फोर्ट तहसील में स्थानांतरित किए जाने के बाद से ही ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। गांव वाले इसे असुविधाजनक मानते हैं, क्योंकि नगर फोर्ट की दूरी करीब 25-30 किलोमीटर है जबकि उनियारा नजदीक है। बुधवार को इसी बात को लेकर निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने ग्रामीणों के समर्थन में धरने पर बैठने का फैसला किया और आरोप लगाया कि जबरन वोट डलवाए जा रहे थे। जब  एसडीएम समझाने पहुंचे तो नरेश मीणा ने उन्हें थप्पड़ मार दिया। धमकी दी कि अगर कोई कर्मचारी राजनीतिक एजेंडा लेकर काम करेगा तो उसका यही हश्र होगा।

जानें, आखिर क्या चाहते हैं समरावता गांव वाले
गांव वालों का कहना है कि समरावता गांव को नगर फोर्ट तहसील में शामिल करने के बाद से ही उनका विरोध शुरू हो गया था। ग्रामीण चाहते थे कि उन्हें दोबारा उनियारा तहसील में शामिल किया जाए, लेकिन उनकी मांगें पूरी नहीं हुई। इस वजह से उन्होंने उपचुनाव में मतदान का बहिष्कार किया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने ग्रामीणों का समर्थन किया और धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उपचुनाव की वोटिंग के दौरा जबरन वोट डलवाए जा रहे थे, जिसका नरेश मीणा ने विरोध जताया और एसडीएम को थप्पड़ मार दिया।

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