2 brother suicide in Agra: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में 72 घंटे के अंदर प्रमोद और संजय दो सगे भाइयों ने फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। हाथरस पुलिस के टॉर्चर से परेशान होकर पहले छोटे भाई संजय और फिर सोमवार दोपहर बड़े भाई प्रमोद ने खेत जाकर उसी जगह खुदकुशी कर ली, जहां छोटे भाई ने किया था। प्रमोद होमगार्ड जवान था।
सगे भाइयों की आत्महत्या से ग्रामीमों में आक्रोश है। मौके पर पहुंची को उन्होंने शव उतारने से रोक दिया। 4 घंटे हंगामे के बाद पुलिस अफसरों ने समझाइश देकर शव नीचे उतारा।
दरअसल, संजय का साला एक युवती को लेकर भाग गया था। युवती के परिजनों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई तो पुलिस संजय को उठा ले गई। थाने में मारपीट कर युवती के बारे में पूछती रही। बाद में शांति भंग करने का केस दर्ज कर मुचलके में छोड़ दिया। थाने से छूटने के बाद संजय खेत पहुंचा और आत्महत्या कर ली।
छोटे भाई की मौत से आहत होकर प्रमोद ने भी सुसाइड कर लिया। उनकी जेब से सुसाइड नोट बरामद हुआ है। इसमें उन्होंने लिखा कि भाई की मौत के बाद पुलिस अधिकारी धमका रहे हैं। दरोगा रुपए मांगता है। पुलिस से पंगा लेना मेरी बहुत बड़ी भूल थी। सरकार मेरे परिवार का ख्याल रखे, जय श्री राम
20 मीटर की दूरी पर दोनों के शव
आत्महत्या करने वाले दोनों भाई बरहन थाना क्षेत्र के रूपपुर गांव के निवासी थे। होमगार्ड जवान प्रमोद का शव आम के पेड़ से लटकता मिला है। इसी पेड़ से 20 मीटर दूर तीन दिन पहले भाई संजय की बॉडी बरामद हुई थी। घटना के बाद से गांव में तनाव का माहौल है।
सुसाइड नोट की मुख्य बातें
- आत्महत्या से पहले प्रमोद ने कलाई में पुलिस प्रताड़ना की पुरी कहानी लिखकर बताई है। उसने लिखा कि दरोगा हरिओम 11-12 जून को हवालात में बंद रखा। छोड़ने के लिए 1 लाख मांगे। 13 जून को 10 हजार लेकर छोड़ दिया।
- सुसाइड नोट में भी प्रमोद ने यही सब लिखा है। बताया कि भाई संजय फंदा लगाकर मर गया, मुझमें अब इतनी क्षमता नहीं है कि उसे न्याय दिला सकूं। इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं।
- मोद ने लिखा-मुझे लगातार फोन आ रहे हैं। बयान देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। दिमाग ठीक नहीं है। सरकार से प्रार्थना है कि परिवार का ख्याल रखे। मैंने पुलिस से पंगा लेकर बड़ी भूल की है। पुलिस के खिलाफ कोई न बोले, बहुत परेशान करती है।