Akhilesh Yadav Reacts on Joining Rahul Gandhi Nyay Yatra: 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को चुनौती देने के लिए 2023 में करीब 28 विपक्षी दलों ने हाथ मिलाया था। लेकिन कांग्रेस और उसके गठबंधन सहयोगी सीट-बंटवारे की बातचीत पर आगे बढ़ने में विफल रहे। INDI ब्लॉक 2024 का चुनाव एक साथ लड़ेगा या नहीं, यह भी स्पष्ट नहीं है। फिलहाल, कांग्रेस को ताजा झटका देते हुए समाजवादी पार्टी ने एक चुनौतीपूर्ण शर्त रखी है। पहले सीटों का बंटवारा, फिर उसके बाद राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने की बात कही जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि वह उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से केवल 17 पर कांग्रेस को चुनाव लड़ने देने को तैयार है। 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने 52 सीटें जीती थीं। उत्तर प्रदेश में एक सीट रायबरेली हासिल हुई थी। खुद राहुल गांधी अमेठी में स्मृति ईरानी से हार गए थे।
अमेठी और रायबरेली में सपा ने नहीं उतारा था प्रत्याशी
2019 में समाजवादी ने अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस उम्मीदवार राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ अपना कैंडिडेट नहीं उतारा था। हालांकि, इस बार पार्टी ने कड़ा रुख अपनाते हुए कांग्रेस को 15 सीटें देने की पेशकश की है और इस बात पर अड़ी हुई है कि अगर गठबंधन कायम रहता है तो कांग्रेस किसी अन्य सीट पर नहीं लड़ सकती। फिलहाल गेंद अब कांग्रेस के पाले में है और प्रतिक्रिया का इंतजार है।
अखिलेश ने रखी यह शर्त
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोमवार को दावा किया कि अखिलेश यादव राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होंगे। लेकिन अखिलेश यादव ने दो टूक शब्दों में कह दिया है कि अभी बातचीत चल रही है। सूचियां उधर से इधर आई और इधर से उधर गई है। जिस समय सीटों का बंटवारा हो जाएगा, समाजवादी पार्टी कांग्रेस न्याय यात्रा में शामिल हो जाएगी।
"अभी बातचीत चल रही है, सूचियां उधर से आई इधर से भी गई, जिस समय सीटों का बंटवारा हो जाएगा समाजवादी पार्टी कांग्रेस की न्याय यात्रा में शामिल हो जाएगी।"
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) February 19, 2024
- माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी, लखनऊ pic.twitter.com/wS5RkXXyXH
बंगाल में ममता और पंजाब में मान से कांग्रेस ने मानी हार
सीट बंटवारे के मामले में कांग्रेस को बंगाल में ममता बनर्जी और पंजाब में आप के भगवंत मान से भी मुंह की खानी पड़ी है। पिछले महीने नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने के लिए पूरे विपक्ष को झटका दिया है। इन झटकों के बाद यह उचित है कि कांग्रेस समाजवादी पार्टी को अपने साथ रखे। समाजवादी के सूत्रों ने दावा किया है कि अगर कांग्रेस प्रस्तावित 15 सीटों से अधिक सीटें मांगती है तो पार्टी इंडिया ब्लॉक से अलग हो सकती है।