Mukhtar Ansari Death: उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में आतंक का पर्याय रहे माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात बांदा मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई। तबीयत बिगड़ने पर उसे जेल से मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मुख्तार की मौत के बाद भाजपा के दिवंगत विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय ने अपने बेटे पीयूष के साथ वाराणसी में बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन किए।
आज हमें न्याय मिल गया
अलका राय ने कहा कि मुख्तार अंसारी की मौत हुई, इस पर अब मैं क्या कह सकती हूं? यह भगवान का आशीर्वाद है। बाबा की कृपा है। महाराज योगी जी का आशीर्वाद मिला है। मैं न्याय के लिए उनसे प्रार्थना करती थी और आज न्याय मिल गया है। हमने पति कृष्णानंद की राय की हत्या के बाद कभी होली नहीं मनाई। मुझे लगा कि आज हमारे लिए होली है।
#WATCH | Varanasi, Uttar Pradesh | Wife of Krishnanand Rai - former BJP MLA who was killed by Mukhtar Ansari - Alka Rai says, "What can I say? This is the blessing of the Almighty. I used to pray to him for justice and the justice has been served today. We never celebrated Holi… pic.twitter.com/SyMFo4TXey
— ANI (@ANI) March 29, 2024
जो जैसा करता है, उसे वैसा ही फल मिलता है
वहीं, कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने कहा कि मुझे पता चला है कि बांदा जेल में उसकी मौत हो चुकी है। मुझे और मेरी मां को बाबा विश्वनाथ और बाबा गोरखनाथ का आशीर्वाद मिला है। बस इतना ही कहूंगा कि कर्म के दायरे से उतरोगे तो उसकी सजा तुम्हें तड़पने तक नहीं छोड़ेगी। हमें ये आज देखने को मिला है। इसका फैसला भगवान ने किया है। जो जैसा करता है, उसे वैसा ही फल मिलता है।
#WATCH | Varanasi, Uttar Pradesh | Son of Krishnanand Rai - former BJP MLA who was killed by Mukhtar Ansari - Piyush Rai says, "My mother and I have received the blessings of Baba Vishwanath and Baba Gorakhnath." pic.twitter.com/cJ8vleg5uv
— ANI (@ANI) March 29, 2024
मुख्तार पर लगा था कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप
2002 के विधानसभा चुनाव में कृष्णानंद राय ने भाजपा के टिकट पर मुहम्मदाबाद सीट से चुनाव लड़ा था। इस सीट से मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी लगातार जीत रहे थे। लेकिन कृष्णानंद राय ने उन्हें इस चुनाव में हरा दिया। इसके बाद से कृष्णानंद राय और मुख्तार अंसारी के बीच दुश्मनी शुरू हो गई।
29 नवंबर 2005 को कृष्णानंद राय करीमुद्दीनपुर इलाके के सेनाड़ी गांव में एक क्रिकेट मैच का उद्घाटन करने जाना था। इसके लिए वह बुलेटप्रूफ गाड़ी छोड़कर सामान्य गाड़ी से निकले। शाम को घर लौटते समय उनकी गाड़ी पर चारों तरफ से एके 47 से अंधाधुंध फायरिंग की गई। उन पर 400 राउंड फायरिंग की गई। कृष्णानंद समेत 7 लोग मारे गए थे। कृष्णानंद के शरीर से 67 गोलियां निकाली गई थीं।