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Ayodhya Ram Lalla old Statue: अयोध्या के नवनिर्मित श्रीराम मंदिर में रामलला की प्रतिमा को नवनिर्मित श्रीराम की बालक स्वरूप वाली प्रतिमा के सामने ही सिंहासन पर अग्रिम पंक्ति में रखा गया है।

Ayodhya Ram Lalla old Statue: अयोध्या के नवनिर्मित श्री राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पूरी हो चुकी है। इस मौके पर श्रीराम के बालक स्वरूप वाली नई मनमोहक प्रतिमा को श्रीराम मंदिर के गर्भगृह में विराजित कर दिया गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि अब मूल प्रतिमा कहां है जो विवादित ढांचे में प्रकट हुई थी। इस प्रतिमा के प्रकट होने के बाद ही पूरे देश में विवादित ढ़ांचे की जगह मंदिर बनाने की मांग तेज हुई और इसने आगे चलकर एक आंदोलन का रूप ले लिया। इसी मूर्ति को आधार को बनाकर कानूनी लड़ाई लड़ी गई और फिर लंबी लड़ाई के बाद श्रीराम मंदिर बनने के मार्ग प्रशस्त हुआ। 

Original Ramlala statue history
अयोध्या में मंदिर बनने से पहले तक रामलला की मूल प्रतिमा 75 साल से टेंट में रखी हुई थी। 

नई प्रतिमा के सामने ही विराजित है मूल प्रतिमा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा के अपने संबोधन में कहा कि अब हमारे रामलला को टेंट में नहीं रहना पड़ेगा। ऐसे में लोगों में कौतूहल है कि विवादित ढांचे में प्रकट हुई मूल प्रतिमा को मंदिर में कहां विराजित किया गया है। इसे लेकर अब मंदिर के पुजारियों और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अधिकारियों ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। अभी मूल प्रतिमा काे टेंट से निकाल कर नव विराजित बालक श्रीराम की प्रतिमा के सामने ही सिंहासन पर अग्रिम पंक्ति में रखा गया है। रामलला के साथ ही उनके अनुज भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न की मूर्ति को भी उनके आभामंडल में रखा गया है। 

Ayodhya Ram Lalla old Statue
रामलला की मूल प्रतिमा मात्र 6 इंच की है और पत्थर से बनी है।

कब सामने आई थी मूल प्रतिमा
रामलला की मूल प्रतिमा 22 दिसंबर 1949 को विवादित ढांचे (जिसे उस समय बाबरी मस्जिद कहा जाता था) में मिली थी। यह मूल प्रतिमा मात्र 6 इंच की है। मूल प्रतिमा पत्थर से बनी है। निर्मोही अखाड़े के संत अभिराम दास ने पहली बार यह प्रतिमा देखी थी। अभिराम दास ने बताया था कि उन्हें सपने में विवादित ढांचे में रामलला की मूर्ति नजर आई थी। मूल प्रतिमा के प्रकट होने के बाद अभिराम दास के साथ ही कुछ अन्य साधुओं के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी। 

Original Ramlala statue history
अयोध्या में विराजित की गई रामलला की नई प्रतिमा कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है।

क्यों पड़ी नई मूर्ति बनाने की जरूरत?
रामलला की मूल प्रतिमा  छोटी है। ऐसे में दूर से देखने पर यह ठीक ढंग से नजर नहीं आती। यही वजह है कि अयोध्या के श्रीराम मंदिर के लिए 51 इंच की नई मूर्ति बनाई गई है। नई मूर्ति  कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है। इसे बनाने में ब्लैक स्टोन का इस्तेमाल किया गया है। इस मूर्ति पर दूध एवं अन्य चीज चढ़ाने का कोई असर नहीं होगा। मूर्ति का वजन 200 किलोग्राम और ऊंचाई 4.24 फीट है। नई प्रतिमा की चौड़ाई तीन फीट है। यह प्रतिमा खड़ी मुद्रा में है।कमल पर खड़े श्रीराम को हाथ में तीर और धनुष के साथ दर्शाया गया है। 

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