Ayodhya Ram Mandir: श्रीराम जन्मभूमि में करोड़ों रुपए कराए गए विकास कार्यों की पोल खुलने लगी है। पहली बारिश में ही यहां सड़कों पर जगह जगह गड्ढे हो गए। मंदिर परिसर में बारिश का पानी टपकता है। जिससे पूजा-अर्चना करने में परेशानी होती है। 

अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। बताया कि मंदिर की छत से पानी रिसता है। इससे दर्शनार्थियों को परेशानी होती है। मुख्य पुजारी ने जांच कराए जाने व समय रहते व्यवस्था बनाए जाने की मांग की है।

राम मंदिर के गर्भगृह में टपक रहा पानी
आचार्य सत्येंद्र दास ने राम मंदिर निर्माण कार्य की जानकारी देते हुए कहा, जुलाई 2025 तक काम का पूरा होना असंभव है, लेकिन कहा जा रहा है तो मैं मान लेता हूं। राम मंदिर में हुए निर्माण कार्यों पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, जिस जगह रामलला विराजमान है, वहां पहली बारिश में पानी चूने लगा है, इसकी जांच होनी चाहिए।  

मंदिर में पानी निकलने की जगह नहीं
आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, 2024 चल रहा है। एक साल बाद 2025 है। अगले एक वर्ष में मंदिर का निर्माण कैसे पूरा होगा? आचार्य सत्येंद्र दास ने आगे बताया कि राम मंदिर परिसर में पानी निकलने का रास्ता नहीं है, जिस कारण ऊपर से गिरने वाला पानी वहीं भर जाता है। यह बड़ी समस्या है। इसका तत्काल समाधान होना चाहिए। 

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र की सड़कों पर बने गड्ढे।

बाउंड्रीवाल गिरी, सड़कों पर गड्ढे 
उल्लेखनीय है कि अयोध्या राम मंदिर में 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। तब यहां भव्य कार्यक्रम हुआ, लेकिन एक साल भी पूरी नहीं हुआ और मंदिर की छत चूने लगी। पिछले दिनों बाउंड्रीवाल गिरने की भी खबर सामने आई थी। इसके अलावा तीर्थक्षेत्र की सड़कों पर कई जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। सीवर लाइन के चलते सड़कें धंस रही है।