Job fraud in Varanasi Delhi: निजी कंपनियों और एयरपोर्ट में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। उत्तर प्रदेश की वाराणसी पुलिस ने गिरोह में सक्रिय युवती और युवक को गिरफ्तार कर पूछतांछ की तो चौकाने वाले खुलासे हुए। आरोपियों ने बताया कि नौकरी झांस देकर उन्होंने अब तक 1560 बेरोजगारों से रुपए ठगे हैं।
डीसीपी क्राइम ब्रांच ने ठगी की शिकायत पर एसओजी प्रभारी मनीष मिश्रा के नेतृत्व में टीम गठित कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। टीम में शामिल दरोगा गौरव सिंह व विनोद विश्वकर्मा, सर्विलांस सेल के संतोष पासवान और शिवपुर थानाध्यक्ष रविशंकर त्रिपाठी ने नितिन और रेशमा को गिरफ्तार किया है।
युवाओं को ऐसे बनाते थे ठगी का शिकार
रेशमा और नितिन ने पुलिस को बताया कि ठगी के इस कारोबार में वह लोग दो साल से एक्टिव हैं। पंपलेट के जरिए रिक्त पदों की फर्जी जानकारी प्रचारित करते थे और इंक्वायरी आने पर बेरोजगार युवाओं से उनकी मार्कशीट सहित अन्य जरूरी दस्तावेज मंगाते थे। इसके बाद वर्दी, नियुक्ति-पत्र रजिस्ट्रेशन और ट्रेनिंग के नाम पर चार से पांच हजार रुपए प्रति कैंडिडेट जमा कराए जाते थे। इसके लिए हुकुलगंज में दफ्तार खोल रखा था।
नौकर के बैंक खाते में मंगाते थे रुपए
आरोपियों ने बताया कि कम समय में अधिक पैसा कमाने की लालच में नौकरी के नाम पर ठगी का धंधा शुरू किया था। बेरोजगार युवाओं से रुपए नौकर संदीप के खाते में मंगवाते थे। कभी-कभार नितिन पिता के बैंक खाते में भी रुपए मंगवा लेता था। फर्जीवाड़े की पोल खुली तो आरोपियों ने दफ्तर भोजूबीर में पंचक्रोशी मार्ग पर शिफ्ट कर लिया और सात हजार वेतन पर चार युवतियों को नौकरी पर रख ली।
भाई और महिला मित्र की तलाश
आरोपी नितिन उपाध्याय सुल्तानपुर जिले के आनापुर भीखीपुर गांव और रेशमा हुकुलगंज की रहने वाली है। दोनों लोग फिलहाल, उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जय प्रकाश नगर गोंडागढ़ी मेडू में रह रहे हैं। पुलिस नितिन के भाई, चंदौली निवासी कर्मचारी और उसकी महिला मित्र को तलाश रही है।
10 मोबाइल और लैपटॉप सहित अन्य सामग्री बरामद
पुलिस ने आरोपियों से दो लैपटॉप, 10 मोबाइल, एडॉप्टर, दो पासबुक, विज्ञापन पंपलेट, एक बैनर, नेमप्लेट, रजिस्टर, 27 ज्वाइनिंग लेटर, लैंडलाइन फोन सेट और फाइबर राउटर बरामद किए हैं। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने 50 हजार और डीसीपी अपराध चंद्रकांत मीणा ने 10 हजार टीम को इनाम देने की घोषणा की।