Farrukhabad bulldozer Action: उत्तरप्रदेश के फर्रुखाबाद में बवाल हो गया। उखरा गांव में मकानों पर बुलडोजर चला तो ग्रामीण बौखला गए। बुलडोजर एक्शन के बाद सोमवार(30 सितंबर) को लेखपाल जमीन की पैमाइश करने पहुंचे तो ग्रामीण भड़क गए। SDM के सामने लेखपालों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। कपडे़ और फाइलें फाड़ दीं। पुलिस वालों तक को नहीं छोड़ा। पुलिस ने लाठी चार्ज कर लोगों को खदेड़ा और तब लेखपालों की जान बच पाई। सोमवार देर रात पुलिस ने 10 नामजद समेत 30 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की।
ये है प्रतिशोध से भरी भाजपाई राजनीति का वीभत्स चेहरा। भाजपा बसे-बसाये घरों को गिराकर सुख पाती है। जिन्होंने अपने घर नहीं बसाये, पता नहीं वो दूसरों के घर गिराकर किस बात का बदला लेते हैं। हर गिरते घर के साथ भाजपा भी और भी नीचे गिर जाती है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 29, 2024
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जानें पूरा मामला
नवाबगंज क्षेत्र के उखरा गांव में पंचायत की भूमि पर 25 लोगों ने अवैध रूप से मकान बना लिए थे। 28-29 सितंबर को प्रशासन ने इन में से 23 मकानों को बुलडोजर से गिरा दिया। इसके बाद, दो दिन बाद सोमवार को जिला पंचायत अध्यक्ष मोनिका यादव, एसडीएम रविन्द्र सिंह कायमगंज और सीओ मोहम्मदाबाद अनिल कुमार लेखपालों के साथ गांव पहुंचे। मोनिका यादव और अन्य अधिकारियों ने ग्रामीणों से बातचीत की, लेकिन इसी बीच, ग्रामीणों ने राजस्व टीम पर हमला कर दिया। उन्होंने दो लेखपालों को दौड़ा कर पीटा और उनके अभिलेख छीनकर फाड़ दिए।
पुलिस ने दर्ज किया केस
लेखपालों की पिटाई की सूचना पर पुलिस गांव पहुंची। लाठी चार्ज कर लोगों को खदेड़ा। इसके बाद लेखपालों की जान बची। घटना से गुस्साए लेखपालों ने थाने का घेराव कर दिया। धरने पर बैठ गए। सोमवार देर रात पुलिस ने 10 नामजद समेत 30 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की। इसके बाद लेखपाल शांत हुए। फिलहाल नवाबगंज में तनाव का माहौल है। सुरक्षा को देखते हुए पुलिस फोर्स तैनात है।
2 दिन में 23 मकान जमींदोज
बता दें कि प्रशासन ने यादव समुदाय के 18 मकानों को शनिवार यानी 28 सितंबर को ध्वस्त किया। 29 सितंबर को 5 और मकान बुलडोजर से गिरा दिए। यह कार्रवाई एसडीएम रजनीकांत और सीओ अजय वर्मा की मौजूदगी में की गई थी। 5 बुलडोजरों ने मकानों को तोड़ा। महिलाएं कार्रवाई को रोकने के लिए बुलडोजरों के सामने खड़ी हो गईं, लेकिन प्रशासन ने किसी की नहीं सुनी और घर जमींदोज कर दिए।
सपा प्रमुख की पोस्ट
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा था कि ये है प्रतिशोध से भरी भाजपाई राजनीति का वीभत्स चेहरा। भाजपा बसे-बसाए घरों को ध्वस्त करके सुख पाती है। जिनके खुद के घर नहीं हैं, वे दूसरों के घर तोड़कर किस बात का बदला ले रहे हैं, यह समझ से परे है। हर गिरते हुए घर के साथ भाजपा का नैतिक पतन भी होता जा रहा है।
यह क्रूर राजनीतिक कदम
अखिलेश ने आगे लिखा था कि उखरा गांव में कई वर्षों से बसे 25 गरीब परिवारों के घरों पर बुलडोजर चलाया गया। इस कार्रवाई से कई बुजुर्ग, बीमार, बच्चे, महिलाएं और बेटियां बारिश के बीच बेघर हो गईं। यह एक क्रूर राजनीतिक कदम है।