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Cyber Fraud: उत्तरप्रदेश के मेरठ में साइबर ठगों ने बड़ी वारदात को अंजाम दिया है। रिटायर प्रोफेसर दंपती को शेयर ट्रेडिंग में मोटे मुनाफा का झांसा देकर साइबर अपराधियों ने 3.10 करोड़ की ठगी की है।

Cyber Fraud: देशभर में साइबर ठगों ने बड़ा जाल बिछा दिया है। जालसाज रोज नए तरीकों से लोगों के खाते खाली कर रहे हैं। ठगों ने उत्तरप्रदेश के मेरठ में बड़ी वारदात को अंजाम दिया है। साइबर अपराधियों ने रिटायर प्रोफेसर दंपती को शेयर ट्रेडिंग में मोटे मुनाफा का झांसा देकर 3.10 करोड़ की ठगी की है। ठगों ने दंपती के खाते से कुछ ही मिनट में सारी रकम निकाल ली। पीड़ित दंपती ने मेरठ के एसएसपी से मामले की शिकायत की है। रकम वापस दिलाने की गुहार लगाई है। साइबर टीम मामले की जांच में जुट गई है। 

जानें पूरा मामला 
गंगानगर थाना क्षेत्र के गंगासागर निवासी एके अग्रवाल रुड़की इंजीनियरिंग कॉलेज से रिटायर प्रोफेसर हैं। अग्रवाल के पास अनाया शर्मा नाम की महिला और रितेश जैन नाम के युवक ने वॉट्सऐप कॉल और मैसेज कई बार आए। दोनों ने शेयर ट्रेडिंग में बड़ा मुनाफा दिलाने का झांसा दिया। बार-बार अनुरोध करने पर एके अग्रवाल ने 26 सितंबर को ब्रांडीवाइन ग्लोबल कंपनी में एचएनआई (हाई नेटवर्थ इन्वेस्टमेंट) अकाउंट खोल लिया। शुरुआत में 50 हजार का इन्वेस्टमेंट किया।

रकम निकालने की कोशिश की तो ठगी का पता चला 
साइबर ठगों ने एके अग्रवाल की पत्नी अंजना अग्रवाल की मर्जी के खिलाफ जाकर शेयर खरीद लिए। जब एके अग्रवाल ने इन्वेस्टमेंट की रकम वापस निकालने की कोशिश की तो पता चला कि फ्रॉड हुआ है। एके अग्रवाल और उनकी पत्नी के नाम से कोई शेयर्स परचेज नहीं हुए। ठगी का पता चलते ही एके अग्रवाल ने साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। 

35 ट्रांजैक्शन कर उड़ाई रकम 
एके अग्रवाल ने पुलिस को शिकायत बताया कि 10 अक्टूबर तक 22 ट्रांजैक्शन में 1 करोड़ 73 लाख 25 हजार रुपए अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किए। एके अग्रवाल की पत्नी अंजना अग्रवाल के खाते से 13 ट्रांजैक्शन में 1 करोड़ 37 लाख 56 हजार ठगों ने अपने खातों में ट्रांसफर किए। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज कर ली है। मामले की जांच की जा रही है। ट्रांसफर हुई रकम फ्रीज करने के लिए बैंकों को रिपोर्ट भेजी गई है। 

'31 अक्टूबर तक कोई शेयर नहीं बेच सकते'
ठगों ने 22 अक्टूबर को एके अग्रवाल को बताया कि वे 31 अक्टूबर तक अपने शेयर बेच नहीं सकते। शेयरों का कोई विवरण भी अग्रवाल को नहीं दिया। दंपती ने कई बार खाते से धनराशि निकालने की कोशिश की, लेकिन केवल 10 लाख ही निकले। दंपती ने अपने पैन नंबर से बीएसई/एनएसई में खाते की जानकारी निकाली तो पता चला कि उनके नाम पर कोई शेयर आवंटित नहीं हुआ। रिटायर्ड प्रोफेसर ने अनाया शर्मा से से संपर्क किया तो उसने सेबी से संपर्क करने की सलाह दी। खाते के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। परेशान होकर रिटायर्ड प्रोफेसर ने पुलिस से शिकायत की है। 

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