Kumar Vishwas visit Ayodhya Ram Mandir: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले देश के जाने-माने कवि कुमार विश्वास सोमवार को अयोध्या पहुंचे। सरयू नदी में दर्शन पूजन करने के बाद वह हनुमानगढ़ी और रामलला के मंदिर पहुंचे। इसी दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने अयोध्या के इतिहास के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अयोध्या आगमन किसी भी मनुष्य के लिए पुण्य और मोक्ष जैसा है। प्रथम मनुष्य का उदगम यहीं हुआ था। हम कहीं के भी हों, लेकिन मूल निवासी अयोध्या के ही रहेंगे। राम मंदिर पर आगे कहा कि 500 वर्षों की तपस्या पूर्ण हो रही है।
दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसा समय देखना पड़ा- कवि कुमार
कुमार विश्वास ने आगे कहा कि यह दुर्भाग्य है कि ऐसा समय हम लोगों को देखना पड़ा और उससे भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोकतंत्र आने के बाद भी राम मंदिर राजनीति का विषय बना रहा। वहीं काशी, अयोध्या और मथुरा पर बोलते हुए कुमार विश्वास ने कहा कि पारस्परिक सहमति से सभी को तीनों देवस्थान छोड़ देना चाहिए था।
आमंत्रण के सवाल पर क्या बोले विश्वास
विपक्ष को प्राण प्रतिष्ठा के आमंत्रण पर कहा कि राजनीतिक उत्तर नहीं दूंगा। लेकिन मुझ जैसे व्यक्ति के लिए सफलतम क्षणों में है। वह लोग सौभाग्यशाली थे, जिन्होंने आजादी देखी। ऐसे ही हम भी सौभाग्यशाली हैं, जो इस क्षण के साक्षी हैं। हम रामलला के द्वार की दो ईंट सीधी रख सके इसके लिए आभारी हूं, जिन्होंने (भागवन श्रीराम) इस काम के लिए हम लोगों को चुना।
अयोध्या में विकास प्रक्रिया जारी
पहले अयोध्या नगरी को देखकर मन दुखी हो जाता था। अयोध्या बहुत उपेक्षित थी। अब अयोध्या में जमीन आसमान का अंतर है। अयोध्या विकास की प्रक्रिया में शामिल है। मैंने रामलला के विवादित ढांचे में भी दर्शन किये हैं। टेंट में दर्शन किये और तब भी दर्शन किये जब सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया। अब भी दर्शन कर रहा हूं, आगे में करता रहूंगा।