Sambhal Temple Update: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में मिले 1978 से बंद पड़े कार्तिक महादेव मंदिर के पास अतिक्रमण को लेकर मंगलवार(17 दिसंबर) को प्रशासन ने सख्ती दिखाई। मंदिर के पीछे बने अवैध ढंग से बने मकान के हिस्से को हटाने के लिए प्रशासन ने एक्शन लिया। मकान मालिक मतीन ने भी अतिक्रमण हटाने पर सहमति जताई है। मजदूरों की टीम ने मकानों के बढ़े हुए हिस्से और छज्जों को ध्वस्त कर दिया। मतीन ने बताया कि उनके पास मकान का नक्शा नहीं था, इसलिए वह खुद अतिक्रमण हटवा रहे हैं।स्थानीय प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए है।
Sambhal: In Sambhal's Khaggu Sarai area, an illegal roof canopy near a temple was being demolished by the house owner, with workers using hammers. The demolition started after the temple's aarti, following a review of the building's layout by the administration, who had… pic.twitter.com/KG8LCt6Fc5
— IANS (@ians_india) December 17, 2024
बिजली जांच के दौरान मिला मंदिर
बता दें मंदिर का ताला आखिरकार 15 दिसंबर को खोल दिया गया। इस मंदिर को बिजली चोरी की जांच के दौरान पुलिस और प्रशासन की टीम ने ढूंढा था। जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि यह मंदिर ऐतिहासिक है। यहां एक प्राचीन कुआं भी मिला है। इस कुएं को "अमृत कूप" कहा जा रहा है। मंदिर के खुलने के बाद यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस की टीम यहां पर लगातार नजर रख रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी विधानसभा में 1978 के दंगों का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि उस समय दंगों में एक कारोबारी की निर्मम हत्या कर दी गई थी, जिसने इलाके की स्थिति को बिगाड़ दिया। उनके अनुसार, संभल में तनावपूर्ण माहौल बनाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। मंदिर के बंद होने के पीछे भी इन्हीं लोगों का हाथ था, जो अब प्रशासन के आदेश से अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं।
जानें, क्या है इस मंदिर की कहानी
1978 के दंगों के बाद इस मंदिर को बंद कर दिया गया था। हिंदू पक्ष का दावा है कि दंगों की वजह से इलाके से हिंदुओं का पलायन शुरू हुआ। उस समय लगभग 45 हिंदू परिवार यहां रहते थे, लेकिन धीरे-धीरे सभी ने अपना घर बेच दिया और दूसरी जगहों पर चले गए। मंदिर के खुलने के बाद पलायन कर चुके लोग दर्शन के लिए लौट रहे हैं। उन्होंने बताया कि दंगों के कारण मंदिर पर ताला लगाना पड़ा और दशकों तक पूजा-पाठ नहीं हो पाया।
#WATCH | Sambhal, UP: Evening prayers being performed at the newly discovered Shiv-Hanuman Temple in Sambhal. pic.twitter.com/QT2x6qtasu
— ANI (@ANI) December 16, 2024
नियमित रूप से हो रही पूजा और आरती
चार दशक बाद मंदिर के खुलने से इलाके में धार्मिक आस्था और उत्साह का माहौल है। मंदिर में अब नियमित रूप से पूजा-पाठ और आरती हो रही है। स्थानीय लोग इसे एक शुभ संकेत मान रहे हैं। मंदिर के खुलने के साथ ही प्रशासन ने 24 घंटे सुरक्षा टीम तैनात कर दी है और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। मंदिर के पास हो रहे अतिक्रमण को भी पूरी तरह हटाने का अभियान तेज कर दिया गया है।
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ASI को कार्बन डेटिंग के लिए लिखी गई चिट्ठी
जिला प्रशासन ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को पत्र लिखकर मंदिर और उसके भीतर मिले कुएं की कार्बन डेटिंग की मांग की है। कार्बन डेटिंग से मंदिर और मूर्ति की सही उम्र का पता चलेगा। प्रशासन का मानना है कि यह मंदिर ऐतिहासिक महत्व रखता है, इसलिए इसकी जांच आवश्यक है। इस कदम के जरिए मंदिर के इतिहास को और गहराई से समझने की कोशिश की जा रही है।