Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिला अधिकारियों और कमिश्नर्स को इसके लिए स्पेशल टास्क दिया है। डीएम और कलेक्टर को निवेश और रोजगार सृजन की दिशा में किए गए कामों की स्व-मूल्यांकन रिपोर्ट (Self Assesment Report) प्रस्तुत करनी होगी। मुख्य सचिव इस रिपोर्ट का उल्लेख उनकी एसीआर (परफॉर्मेंस रिपोर्ट) में करेंगे। यूपी में व्यवस्था नवंबर माह में लागू हो सकती है।  

ACR में होगा प्रगति का जिक्र
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने आदेश जारी कर बताया कि जिले में निवेश और रोजगार सृजन को लेकर रिपोर्ट तैयार करनी होगी। निवेश में डीएम और कमिश्नर की भूमिका महत्वपूर्ण है। बकौल ऐसे में सालाना उनके ACR में निवेश और लोन संबंधी प्रगति का जिक्र किया जाएगा। इसी आधार पर ग्रेडिंग होगी। बेहतर परफॉर्मेंस पर होने पर डीएम को सम्मानित किया जाएगा। 

यहां कैश डिपॉजिट रेशियो कम 
सीएस मनोज कुमार सिंह ने बताया कि बलरामपुर, उन्नाव, श्रावस्ती जैसे जिलों का क्रेडिट डिपॉजिट रेशियो और कैश डिपॉजिट रेशियो काफी कम है। अप्रैल में हर साल के क्रेडिट डिपॉजिट रेशियो डीएम और कमिश्नर को बताया जाएगा। यह भी बताना होगा कि डीएम के प्रयास से निवेश कितना और कहां आया है। 

महाराष्ट्र अव्वल, दूसरे नंबर पर UP 
मुख्य सचिव ने बताया कि 12 लाख करोड़ के डिपॉजिट में महाराष्ट्र का सर्वाधिक हिस्सा है। उत्तर प्रदेश में इसमें दूसरे नंबर पर है। यूपी सरकार ने एग्रीकल्चर सेक्टर में ग्रोथ के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इंडस्ट्रियल सेक्टर में भी डेवलपमेंट के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।  

सांसद-विधायकों का करें सम्मान 
मुख्य सचिव मनोज सिंह ने सभी कमिश्नर और डीएम को जनप्रतिनिधियों का प्रोटोकॉल के अनुसार, सम्मान करने को कहा है। उन्होंने सांसद-विधायकों का फोन न उठाए जाने पर आपत्ति जताई है। कहा, सभी अधिकारी क्षेत्रीय विधायक और सांसदों को नंबर सेव करके रखें। कॉल आने पर उनकी बातों को गंभीरता से सुनें और व्यस्त हैं कॉल बैक करें।