Kedarnath Dham: केंद्र की मोदी सरकार ने देवभूमि उत्तराखंड के दो प्रमुख तीर्थ स्थलों केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब को जोड़ने वाली रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन रोपवे प्रोजेक्ट से श्रद्धालुओं को बड़ी राहत मिलेगी। अभी उन्हें सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक करीब 9 किलोमीटर की पहाड़ी पैदल चढ़नी पड़ती है, लेकिन रोपवे के जरिए वह छह-7 घंटे का यह सफर महज आधे घंटे पूरा कर लेंगे। हेमकुंड साहिब में भी श्रद्धालुओं को आसानी होगी। 

रोपवे की लागत 4,081.28 करोड़
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार (5 मार्च) को हुई सीसीईए बैठक में सोनप्रयाग से केदारनाथ (12.9 किमी) और 12.9 किमी रोपवे प्रोजेक्ट के निर्माण को मंजूरी दी गई है। इसके डिजाइन, निर्माण और संचालन में 4,081.28 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। 

1,800 तीर्थयात्री प्रति घंटे करेंगे दर्शन 
एडवांस्ड ट्राई-केबल डिटेचेबल गोंडोला (3एस) तकनीक पर आधारित इस रोपवे की क्षमता 1,800 यात्री प्रति घंटे होगी। दिनभर में यह रोपवे 18,000 तीर्थयात्रियों को दर्शन कराएगा। यात्रा का समय 8 से 9 घंटे से घटाकर 36 मिनट हो जाएगा।। गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर तक 16 किमी चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है। लोग अभी पैदल, टट्टू, पालकी और हेलिकॉप्टर के जरिए इसे तय करते हैं।  

डिटेल्स केदारनाथ रोपवे   हेमकुंड साहिब रोपवे  
लागत 4,081.28 करोड़ 2730.13 करोड़
रूट सोनप्रयाग से केदारनाथ गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब
लंबाई 9.7 किमी 12.4 किमी
यात्रा समय 30 मिनट 45 मिनट
वर्तमान दूरी 16 किमी  19 किमी 

तीर्थयात्रा का आरामदायक विकल्प
केदारनाथ और हेमकुंड साहिब उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थस्थल हैं। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां चार धाम यात्रा के लिए आते हैं, लेकिन उन्हें 9 से 12 किलोमीटर की कठिन पैदल यात्रा करनी पड़ती है। रोपवे प्रोजेक्ट से न सिर्फ तीर्थयात्रियों को सुरक्षित, अधिक आरामदायक विकल्प मिलेगा, बल्कि उनका समय भी बचेगा। 

पशुओं के स्वास्थ्य को 3,880 करोड़
पीएम मोदी कैबिनेट ने बुधवार को पशुओं के स्वास्थ्य और बीमारियों की रोकथाम के लिए 3,880 करोड़ रुपए की योजना को स्वीकृति दी है। इससे खुरपका-मुंहपका रोग (FMD) और ब्रुसेलोसिस से निजात मिलेगी। केंद्र सरकार इसके खिलाफ विशेष टीकाकरण कार्यक्रम शुरू करेगी। भारत पशुधन पोर्टल से रियल-टाइम मॉनिटरिंग होगी।